रात को मुख्यमंत्री प्रतिनिधि के आवास के बाहर बैठे छात्र।
हरियाणा के जिले करनाल में पिछले 24 दिन से MBBS स्टूडेंट बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन अब तक सरकार द्वारा कोई हल नहीं निकाला गया। छात्र हर रोज हर अलग अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे है। लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हुई।
इसी कड़ी में बधुवार देर रात को कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के सभी MBBS छात्रों ने सरकार की नई बॉन्ड नीति के विरोध में हाथों में मोबाइल की टौर्च जगाकर सड़कों पर उतकर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री प्रतिनिधि संजय बठला के आवास को घेराव किया। देर रात तक छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री प्रतिनिधि के आवास के बाहर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी।
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हाथ में टैर्च लेकर रात को सड़को पर प्रदर्शन करते छात्र।
सरकार से बातचीत कराने का दिया आश्वासन
वहीं छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला घर से बाहर आए और छात्रों को ज्ञापन लेकर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से बातचीत करने व उनकी मुलाकात सीएम से कराने का आश्वासन दिया। आश्वासन के बाद सभी छात्र रात को अपने आवास की तरफ लौट गए।
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सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते छात्र।
दो दिन से ओपीडी के बाहर दिया जा रहा धरना
बतादे कि पिछले दो दिन से सभी छात्र अपनी मांगों को लेकर कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के बाद धरना दे रहो है। वहीं पिछले दो दिन से मेडिकल कॉलेज की ओपीडी पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। क्योंकि ओपीडी में बैठने वाले काफी डॉक्टर भी छात्रों की मांगों के समर्थन में है।
4 साल में 40 लाख कैसे करवा जाम
रात को प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि 4 साल के कोर्स में उन्हें 40 लाख रुपए की फीस जमा करानी होगी। जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वह MBBS का कोर्स नहीं कर पाएंगे। इस बॉन्ड नीति के खिलाफ MBBS के छात्रों में रोष है। छात्राओं ने सरकार से मांग की है कि बॉन्ड नीति को वापस लिया जाए, ताकि छात्र MBBS का कोर्स आसानी से कर सकें। छात्रों का कहना है कि शासन और प्रशासन उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है।
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मांगों को लेकर रोष व्यक्त करते छात्र।
छात्रों की मुख्य मांगें
रात को प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि उनकी मुख्य मांग है कि बॉन्ड एग्रीमेंट में से बैंक की दखलअंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए।
– बॉन्ड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 वर्ष की जाए।
– ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी प्रदान करे।
– 40 लाख सेवा बॉन्ड राशि को घटाकर 5 लाख रुपए किया जाए।