राजकीय सम्मान के साथ दी गई जल सेना के नायब सूबेदार प्रमोद कुमार को अंतिम विदाई

गोवा में तैनात थे नायब सूबेदार प्रमोद कुमार
अंतिम संस्कार में उमड़ा गांव व क्षेत्र के लोग
सेना की टुकड़ी ने शस्त्र झुकाकर व मातमी धून बजाकर दी अंतिम विदाई

एस• के• मित्तल 
सफीदों,         सफीदों उपमंडल के गांव बहादुरगढ़ निवासी एवं भारतीय जल सेना में नायब सूबेदार पद पर तैनात प्रमोद कुमार (28) को मंगलवार सुबह पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। अंतिम विदाई के वक्त संपूर्ण बहादुरगढ़ गांव ही नहीं बल्कि समूचे सफीदों क्षेत्र के लोग उमड़ पड़े। बता दें कि नायब सुबेदार प्रमोद कुमार को गोवा में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया।
जैसे ही प्रमोद कुमार का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह गांव बहादुरगढ़ पहुंचा तो परिवार व गांव में शोक की लहर दौड़ गई। सेना की टुकड़ी पार्थिव शरीर लेकर गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने प्रमोद कुमार अमर रहे के गनभेदी नारे लगाए। अंतिम संस्कार के मौके पर सफीदों हलका के विधायक सुभाष देशवाल, एसडीएम सत्यवान सिंह मान, जेजेपी जिलाध्यक्ष कृष्ण राठी व सदर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार पहुंचे और पुष्पचक्र अर्पित करके शहीद प्रमोद कुमार को श्रद्धांजली अर्पित की।
वहीं इंडियन कोस्ट गार्ड सचेत की ओर से डिप्टी कमांडेंट योगेश सिंह के नेतृत्व में आई सेना की 9 सदस्यीय टुकड़ी व हरियाणा पुलिस के जवानों ने शस्त्र झुकाकर व मातमी धून बजाकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी। अंतिम दर्शनों के दौरान शहीद प्रमोद कुमार के पिता सतपाल सिंह, पत्नी कविता, दोनों लड़कों पर्व व हार्दिक तथा भाई का रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं अपने साथी का पार्थिक शरीर लेकर आए कोस्ट गार्ड के सैनिक भी गमगीन थे। शहीद प्रमोद कुमार के 5 वर्षीय बेटे पर्व ने अपने पिता को मुखाग्रि दी। बता दें कि नायब सूबेदार प्रमोद कुमार करीब 5 साल पहले जल सेना में बतौर तटरक्षक भर्ती हुआ था।
गोवा में ड्यूटी के दौरान घटी दुर्घटना में प्रमोद कुमार चोटिल हो गए थे। उनको तत्काल अस्पताल में ले जाया गया जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। अपने संबोधन में सफीदों हलका के विधायक सुभाष देशवाल ने कहा कि प्रमोद कुमार ने देशसेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। वे उनके बलिदान को नमन करते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि शहीद के परिवार को बड़ी आर्थिक सहायता व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। वहीं एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने कहा कि पूरा सफीदों प्रशासन परिवार के साथ है। परिवार की प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद की जाएगी।

12 फरवरी को छुट्टी पर आने वाला था प्रमोद
बताया जाता है कि शहीद प्रमोद कुमार आगामी 12 फरवरी को छुट्टी पर अपने परिवार के पास आने वाला था लेकिन उसे क्या पता था कि उससे पहले ही वह पार्थिव शरीर के रूप में अपने गांव पहुंचेगा। प्रमोद कुमार बेहद प्रतीभाशाली युवक था। करीब 6 वर्ष पूर्व उसकी तटरक्षक के रूप में जल सेना में भर्ती हुई थी। नौकरी के साथ-साथ वह पढ़ाई करता रहा और पेपर पास करते हुए उसने 3 प्रमोशन प्राप्त कर ली थी। कुछ समय के बाद उसकी चौथी प्रमोशन होने वाली थी। प्रमोद कुमार की शादी नवंबर 2015 में कविता के साथ हुई थी। शादी के बाद उसके दो लड़के पर्व व हार्दिक पैदा हुए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *