बैंक मैनेजर ने करवाया 2 के खिलाफ मामला दर्ज
एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के रेलवे रोड़ स्थित यूनियन बैंक से दो लोगों द्वारा फर्जी कागजात पेश करके 20 लाख रूपए का लोन लेने का मामला सामने आया है। इस संबंध में सिटी थाना पुलिस ने बैंक मैनेजर दीनदयाल की शिकायत पर 2 के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सफीदों पुलिस को गांव फफड़ाना (करनाल) निवासी अमरनाथ व आनंद के खिलाफ दी शिकायत में बैंक शाखा प्रबंधक दीनदयाल ने कहा कि आरोपियों ने कॉरपोरेशन बैंक रेलवे रोड सफीदों वर्तमान यूनियन बैंक शाखा में आकर बताया कि वे रकबा वाका गांव फफडाना तहसील असंध जिला करनाल की खेवट नंबर 319 खाता नबंर 458 कुल रकबा तादादी 209 कनाल 3 मरले में बतौर हिस्सेदार 1/2 भाग बकदर 104 कनाल 11 मरले बरूवे में जमाबंदी सा 2011-12 मालिक व काबिज है व कृषि कार्य के लिए बैंक से लोन लेना चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने वर्ष 2001-02, 2006-07, 2011-12 की जमाबंदी व गिरदावरी की सत्यापित कॉपी पेश की थी। जिसके बाद आरोपी अमरनाथ ने अपनी उपरोक्त भूमि 104 कनाल 11 मरला खेवट नंबर 319 खाता नंबर 458 स्थित फफड़ाना तहसील असंध जिला करनाल जमाबंदी साल 2011-12 से बैंक के हक में बरूवे रहन की थी।
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रहन होने के बाद बैंक ने उनको उपरोक्त रहन का इंद्राज रिकार्ड माल से करवाने बाबत कहा था जिस पर उन्होंने एक मुटेशन लैटर बैंक में आकर उपरोक्त रहननामां का इंद्राज रिकॉर्ड माल से करवाकर प्रस्तुत किया था। जिस पर हलका पटवारी की रिकॉर्ड माल में इंद्राज बाबत लिखित व हस्ताक्षर थे तथा उपरोक्त मुटेशन रपट नंबर 155 दिनांक 2 जून 2017 के तहत उपरोक्त जमीन बैंक में रहन दर्शाई थी तथा दहन होने के पश्चात नई जमाबंदी की नकल भी बैंक में उपरोक्त दोषीगण द्वारा प्रस्तुत की गई थी, जोकि बाद में फर्जी पाई गई। उपरोक्त हननामा व रपट नंबर 155 दिनांक 02 जून 2017 के इंद्राज के साथ जमाबंदी वर्ष 2011-12 तथा मुटेशन लैटर प्रस्तुत करने के बाद आरोपियों ने बैंक के हक में लोन दस्तावेज तहरीर किए थे जिस पर उनके हस्ताक्षर हैं। इस सारी कार्रवाई के बाद बैंक द्वारा उनको 20 लाख रुपए का कृषि लोन दिनांक 6 जुलाई 2017 को वितरित कर दिया था। आरोपियों के द्वारा लोन की अदायगी समय पर ना करने पर बैंक द्वारा उनका खाता एनपीए कर दिया गया। मैनेजर ने शिकायत में कहा कि बैंक द्वारा जब कानूनी कार्यवाही करने के लिए रिकॉर्ड माल बरूवे जमाबंदी 2011-12 व 2016-17 का अवलोकन किया गया तो पता चला कि उपरोक्त रहनामा का इंद्राज रिकॉर्डमाल में बैंक के हक में नहीं है तथा आरोपियों के द्वारा जो मुटेशन लेटर रिकार्ड माल में इंद्राज बाबत प्रस्तुत किया गया था वह गलत एवं फर्जी था तथा लोन लेते समय जो जमाबंदी वर्ष 2001-02, 2006-07 व 2011-12 की सत्यापित कापी पेश की गई थी वह भी गलत वह फर्जी है। आरोपियों के द्वारा फर्जी जमाबंदी तैयार की गई थी व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक साजिश के तहत बैंक के साथ धोखाधड़ी की गई है। जिसमें कई अन्य व्यक्ति व गिरोह भी शामिल हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मामला दर्ज करके जांच आरंभ कर दी है।
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