यूक्रेन से बच्चों को निकालने में सरकार ने किए सराहनीय प्रयास: कविता शर्मा

एस• के• मित्तल
सफीदों,     महिला भाजपा जिलाध्यक्ष कविता शर्मा ने कहा कि यूक्रेन से बच्चों को निकालने में केंद्र व राज्य सरकार ने सराहनीय प्रयास किए हैं। यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले भारत के छात्र-छात्राओं ने भारी संघर्ष का सामना करना पड़ा। भारत सरकार की ओर से कई सीनियर मंत्री युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में गए हुए है तथा हर रोज कई-कई हवाई जहाज वहां से बच्चों को लेकर हिंदुस्तान की सरजमीं पर पहुंच रहे हैं। कविता शर्मा ने कहा कि अगर भारत के बच्चे अपने ही देश में रहकर पढ़ें और पढ़-लिखकर देश की सेवा करें तो भारत को विश्व गुरु बनने में कोई नहीं रोक सकता। हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि उच्च, तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ अन्य शिक्षाओं में अलग से कोई कंपटीशन या कोई एंट्रेंस एग्जाम नहीं होना चाहिए। बच्चा जो बनना चाहे उसका टैलेंट शुरू से ही देखकर और उसका उसी विषय में उसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इस प्रणाली से हमारे बच्चे एक तनाव मुक्त वातावरण में अच्छी पढ़ाई कर पाएंगे। जो वह बनना चाहते है और जो उनका सपना है वह सपना पूरा कर सकेंगे।
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उन्होंने कहा कि हमारे देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हमें अधिक से अधिक मेडिकल व तकनीकी कॉलेज खोलने की आवश्यकता है, जहां पर बच्चों को सस्ती गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके। आज का दृश्य कुछ अलग ही दिखाई देता है। पहले महंगी महंगी फीस देकर युवा प्रोफेशनल कोर्स करते हैं लेकिन उसके बावजूद भी वह पढ़ा-लिखा युवा आम आदमी तक अपनी सेवाएं नहीं दे पाता। इसके साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था में नैतिक शिक्षा की भी व्यवस्था होनी चाहिए तभी हम लोग अपने कार्य को पूजा समझकर करेंगे और अपने कर्तव्यों को दिल से निर्वहन करेंगे।
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