राजनीति से ऊपर उठकर नशे पर शिंकजा कसने की जरूरत: बचन सिंह आर्य
एस• के• मित्तल
सफीदों, मित्र सभा हरियाणा के तत्वावधान में शुक्रवार को नगर के आर्य सदन में नशे के खिलाफ विधानसभा स्तरीय जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि मित्र सभा हरियाणा के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने शिरकत की। इस मौके पर जुटे सैंकड़ों लोगों ने बचन सिंह आर्य का फूलों की मालाओं व पगडिय़ों से जोरदार अभिनंदन किया। कार्यक्रम के शुभारंभ पर पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने उपस्थित लोगों को एकस्वर होकर नशा विरोधी शपथ दिलवाई। इस मौके पर लोगों ने खुद तो नशे से दूर रहने का प्रण लिया ही साथ ही साथ दूसरों को भी इससे बचाने का संकल्प लिया।
सफीदों, मित्र सभा हरियाणा के तत्वावधान में शुक्रवार को नगर के आर्य सदन में नशे के खिलाफ विधानसभा स्तरीय जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि मित्र सभा हरियाणा के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने शिरकत की। इस मौके पर जुटे सैंकड़ों लोगों ने बचन सिंह आर्य का फूलों की मालाओं व पगडिय़ों से जोरदार अभिनंदन किया। कार्यक्रम के शुभारंभ पर पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने उपस्थित लोगों को एकस्वर होकर नशा विरोधी शपथ दिलवाई। इस मौके पर लोगों ने खुद तो नशे से दूर रहने का प्रण लिया ही साथ ही साथ दूसरों को भी इससे बचाने का संकल्प लिया।
अपने संबोधन में बचन सिंह आर्य ने कहा कि मित्र सभा हरियाणा के संरक्षक महाशय ईश्वर सिंह, बतौर प्रदेशाध्यक्ष वे स्वयं तथा प्रधान महासचिव महीपाल यादव व संस्था की पूरी टीम नशा विरोधी अभियान मे जुटी हुई है। इस अभियान के तहत सफीदों में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस संस्था के द्वारा प्रदेश भर में हजारों युवाओं को नशा विरोधी शपथ दिलवाई जा चुकी है और आगे भी इस प्रकार का अभियान लगातार जारी रहेगा। प्रदेश की मनोहर लाल सरकार व मित्र सभा हरियाणा का एक ही लक्ष्य है कि युवाओं को किसी तरह से नशे की दलदल से निकाला जा सके। बचन सिंह आर्य ने कहा कि नशे के कारण परिवार के परिवार तबाह हो रहे है तथा युवाओं के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। नशे के कारण झगड़े-फसाद हो रहे है तथा समाज के भाईचारा समाप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देश के कई इलाकों में नशे का कारोबार इस कदर जड़ें जमा चुका है कि उसे समाप्त करना बहुत बड़ी चुनौती है। नशे के कारोबारी स्कूल-कॉलेजों में पढऩे वाले युवाओं को नशे की लत लगाते हैं और जब वे इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं, तो वे इस जंजाल का हिस्सा बन जाते हैं। शराब के अलावा हेरोइन व चरस आदि जैसे नशे युवाओं के शरीर और दिमाग दोनों को इस कदर अक्षम बना देते हैं कि वे बिना इसके रह नहीं पाते। नशा न मिलने पर वे खुदकुशी कर लेते हैं या कई दूसरी तरह के अपराधों में संलिप्त हो जाते हैं, फिर उनका दर्दनाक अंत हो जाता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नशाखोरी से दूर रहे। अपना ध्यान पढ़ाई, खेलों, धर्म-ध्यान, योगा व स्वाध्याय में लगाएं। देश के हर राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक संस्थाओं व समाजसेवी लोगों को नशे के खिलाफ खुलकर आगे आना चाहिए।
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