मां मैंने तेरा क्या बिगाड़ा: जो तूने मुझे दुनिया देखने से पहले ही मार दिया, निसंतान माता पिता से पूछो क्या होता है औलाद न होने का दर्द

 

चांद पर पहुंची महिलाओं की सफलता के बावजूद आज भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले थमें नहीं हैं सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से बरामद हुए 7 माह की बच्ची के भ्रूण का एक ही सवाल है कि मेरी मां मैंने तेरा क्या बिगाड़ा जो मेरे दुनिया में आने से पहले ही तूने मेरा दम तोड़ दिया। नवरात्र में मां पूजनीय है लेकिन तू कैसी मां है जिसका दिल इतना कठोर निकला मैंने तुमसे जमाने की खुशियां तो नहीं मांगी थी बस तेरी गोद में मेरी खेलने की इच्छा थी। तू भी तो कभी अपनी मां की गोद में खूब खेली होगी। अगर सभी औरतों की ऐसी कठोर सोच होती तो आज नन्ही कन्याओं का पूजन नवरात्रों में न हो रहा होता।

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STV प्लांट में मिला भ्रूण

सोमवार देर रात करीब 9:30 बजे सेक्टर 5 स्थित शिविर ट्रीटमेंट प्लांट उस समय सनसनी फैल गई। प्लांट में ड्यूटी पर तैनात एक चौकीदार ने प्लांट की सफाई करने वाली मशीन पर एक 7 माह की बच्ची का भ्रूण देखा। चौकीदार ने इसकी सूचना सिटी थाना पुलिस को दी। सूचना के बाद सिटी थाना SHO अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। अभी तक यह नहीं पता चल पाया कि यह भ्रूण किसने फेंका है।

1 दिन पुराना लग रहा भ्रूण

सिटी थाना के SHO कमलदीप राणा ने बताया कि भ्रूण की हालत देखने पर 1 दिन पुराना लग रहा है अभी तेज बरसात हुई थी जिसे चलते किसी ने बच्ची के भ्रूण को नाले में फेंका है जिसके बाद पानी के तेज बहाव के चलते वह तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचा। इस दौरान भ्रूण के शरीर को कुत्तों के नोचने के निशान शरीर पर मौजूद है। पुलिस इस मामले की हर पहलू पर जांच कर रही है। पुलिस जल्द ही पता कर लेगी की यह भ्रूण किसका है और किसने नाले में फेंका है।

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मौके पर जांच करती पुलिस टीम।

करनाल में नहीं थम रहे भ्रूण मिलने के मामले

​​​​​​​जानकारी के अनुसार करनाल जिले 9 माह तक करीब 11 जगह भ्रूण मिल चुके है। यानी हर माह एक से अधिक भ्रूण जिले में मिल रहा। मार्च माह में करनाल जुंडला गाव एक 6 माह की बच्ची का भ्रूण मिला था। वहीं तीन माह पहले गांव शाहपुर में एक व्यक्ति 7 माह के भ्रूण को जमीन पर दफना रहा था। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। वहीं एक और मामला मार्च में गांव फुसंगढ से सामने आया था। जिसमें एक 6 माह की बच्ची का भ्रूण कचरें में पड़ा हुआ मिला था। इस तरह से अबतक इस साल में कुल 11 मामले सामने आ चुके है।

निसंतान से माता पिता से पूछो क्या होता औलाद न होने का दर्द

​​​​​​​एमडीडी बाल भवन के संचालक पीआर नाथ ने बताया कहा जिस माता पिता को संतान नहीं होती उन माता पिता से पूछो औलाद न होने का दर्द। जो बच्चे पैदा करने के लिए लाखों रुपए डॉक्टर के पास खर्च करते है लेकिन तब भी उनको औलाद का सुख नहीं होता। बाद में जब वह अनाथ आश्रम से किसी बच्चे को गोद लेते है तो उसको भी लेने में कागजी कार्रवाई में कई माह का समय लग जाता है। वहीं उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या करना तो गलत है ही अगर कोई माता पिता अपने बच्चें को नहीं रखना चाहता तो वह बाल भवन के दरवाजे हर समय उसके लिए खुले हुए है। वह भ्रूण हत्या ना करवा कर उनके पालने में बच्चे को रख जाए। किसी बच्चे की हत्या करने से अच्छा तो यह है यहां से कोई माता पिता उस बच्चे को गोद लेकर उसका जीवन तो सुधार सकता है।

 

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