जींद 28 दिसम्बर। जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों के संरक्षण एवं विकास के क्षेत्र में अनेक कार्य एवं स्कीमें चलाई जा रही हैं परंतु विभाग द्वारा इतना सोचने के उपरांत भी कुछ माता-पिता द्वारा नवजात बच्चों को यूं ही इधर-उधर झाड़ियां में मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस विषय पर दिल व दिमाग यह सोचने की स्थिति में नहीं है की माता-पिता अपने बच्चों को यूं ही कैसे छोड़ सकते हैं क्या यह सब करते हुए उनकी रूह नहीं कांपती। जहां एक परिवार द्वारा CARA के तहत बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में लगभग तीन से चार वर्ष तक इंतजार किया जाता है, वहीं दूसरी तरफ किसी नवजात बच्चे को माता-पिता या अन्य परिवार जनों द्वारा यूं ही कहीं झाड़ियां में फेंक दिया जाता है जो की गंभीर अपराध है।
विभाग द्वारा बच्चों के शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए 4000/- महीना वित्तीय लाभ गरीब परिवारों के बच्चों को दिया जा रहा है जिसे स्पॉन्सरशिप कहते हैं। वर्तमान में जिला जींद में 71 बच्चों को वित्तीय लाभ सरकार के दिशा निर्देशों एवं माननीय उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा के अनुमोदन उपरांत दिया जा रहा है।
जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अवांछित बच्चों के लिए प्रमुख स्थानों (लघु सचिवालय, मंदिरों, पुलिस थानों इत्यादि) पर क्रैडल पॉइंट (पालना केंद्र) भी स्थापित किए गए हैं, यदि कोई माता-पिता या अभिभावक अवांछित बच्चों को नहीं अपनाना चाहता तो वह उस बच्चों को क्रैडल पॉइंट में रख सकते हैं, ताकि बच्चे की जान बच सके एवं बच्चे की गोदना में की प्रक्रिया को पूर्ण कर किसी माता-पिता को बच्चा गोद दिया जा सके, किसी की सूनी गोद को भरा जा सके।
जिला जींद में माननीय उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा के मार्गदर्शन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी के दिशा निर्देशों के अनुसार बच्चों की संरक्षण एवं विकास का कार्य जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।
सभी माता-पिता एवं अभिभावकों से अनुरोध है कि यदि कोई अवांछित बच्चा है तो बच्चों को इधर-उधर फेंकने की बजाय क्रैडल पॉइंट में रखें या फिर बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत होकर समर्पण (Surrender) भी किया जाने का प्रावधान है, यदि कोई परिवार बच्चे को अपनाने की बजाय झाड़ियां में फेकता है या करने का मारने का प्रयास करता है तो यह एक गंभीर अपराध है, उन माता-पिता या अन्य अभिभावक के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
यदि कोई भी व्यक्ति यह अपराध होते हुए देखा है तो वह तुरंत नंबरों पर संपर्क करें -1098(Toll Free), 112(Emergency number ), 9728022088, 8607054800, व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा। आपके द्वारा सही समय पर उठाया गया सही कदम किसी मासूम बच्चे की जान बचा सकता है। आमजन से अनुरोध है कि उक्त दी गई जानकारी अपने तक सीमित नहीं रख के हर उम्र के बच्चों, बड़ों व बुजुर्गों के साथ भी सांझा करें, ताकि इस गंभीर अपराध को रोका जा सके।