होली के गीतों पर जमकर थिरकी वैश्य महिलाएं
एस• के• मित्तल
सफीदों, अग्रवाल वैश्य समाज सफीदों महिला ईकाई द्वारा पुरानी अनाज मंडी में होली मिलन कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सरोज गोयल ने की। इस मौके पर महिलाओं ने रंग, गुलाल व फूलों की होली खेली। कार्यक्रम में महिलाओं ने डी.जे. की धुन पर छोटे श्याम कन्हईया रे…, फागुन आया रे…., होली खेले रघुवीरा अवध में…, आ रंग दू तुझे अपने रंग में…, होली आई रे आई रे…, चल जा रे हट नटखट…, रंगीलो म्हारो ढोलना… पर जमकर थिरकी। अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष सरोज गोयल ने कहा कि पानी बहुत अनमोल है हम सबको इस होली पर पानी के प्रयोग से बचना चाहिए। होली के दिन सभी लोग एक-दूसरे के साथ भेदभाव को भुलाकर भाईचारे को मजबूत करते हैं। होली का पर्व भाईचारे, आपसी प्रेमभाव व अमन शांति का प्रतीक है। इस पर्व पर हम सबको पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक दूजे को गले लगाना चाहिए और भाईचारे का संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि होली का पर्व अहंकार के नाश का त्यौहार भी है।
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हिरणाकश्यप को अपनी शक्ति पर अंहकार था तो अहंकार रूपी होलिका का अग्नि में जलना व प्रह्लाद का बचाना प्रभु पर विश्वास की जीत थी। इस मौके पर महिलाओं ने होली में केमिकल के रंगों का उपयोग न करने व प्राकृतिक रंगों से होली खेलने का संकल्प लिया। इस मौके पर प्रमुख रूप से सरोज गोयल के अलावा गीतांजली कंसल, मंजू गर्ग, अंजली जैन, रूचि कंसल, बबीता मित्तल, मिनाक्षी जैन, वीना मंगला, मंजू गर्ग, कमलेश गर्ग, मंजुला गुप्ता, राजबाला, रजनी मंगला, रीनू, रूबी, कमलेश, निशा, आशा, सुनीता, प्रेरणा गर्ग, अन्नू शर्मा, अंजली जिंदल व सुमन गोयल सहित काफी तादाद में महिलाएं मौजूद थीं।
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