सरपंचों की मांगों को जल्द माने सरकार: महावीर कम्प्यूटर
एस• के• मित्तल
सफीदों, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महावीर कम्प्यूटर ने सोमवार को नगर के बीडीपीओ कार्यालय पहुंचकर सरपंचों के धरनों को अपना समर्थन दिया और सरपंचों की मांगों को जायज बतलाया। इस समर्थन के लिए सरंपच एसोसिएशन के अध्यक्ष निरवैर सिंह खरकड़ा ने महावीर कम्प्यूटर का आभार प्रकट किया।
सफीदों, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महावीर कम्प्यूटर ने सोमवार को नगर के बीडीपीओ कार्यालय पहुंचकर सरपंचों के धरनों को अपना समर्थन दिया और सरपंचों की मांगों को जायज बतलाया। इस समर्थन के लिए सरंपच एसोसिएशन के अध्यक्ष निरवैर सिंह खरकड़ा ने महावीर कम्प्यूटर का आभार प्रकट किया।
अपने संबोधन में महावीर कम्प्यूटर ने कहा कि
आज जनप्रतिनिधियों को अपने हकों के लिए जिस प्रकार से आंदोलन करना पड़ रहा है, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश की स्थिति अत्यंत विकट है तथा सरकार पूरी तरह से फेल है। जब चुने गए जनप्रतिनिधियों का है यह हाल है तो आम जनता की तो बिसात ही क्या है। चुने जाने के बाद सरपंचों ने अपना कार्यभार भी नहीं संभाला था कि सरकार ने तानाशाही दिखाकर उनसे उनके हक छिन लिए और उन्हे धरनारत्त होना पड़ा। हरियाणा सरकार अपने रवैये से गांव की छोटी सरकार के हाथों को राईट-टू-रिकॉल कानून व ई-टैंडरिंग के माध्यम के हाथ बांधने का कार्य किया है। सरकार के इन काले कानूनों के कारण पंचायती राज संस्थाएं प्रभावित हुई है।
आज जनप्रतिनिधियों को अपने हकों के लिए जिस प्रकार से आंदोलन करना पड़ रहा है, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश की स्थिति अत्यंत विकट है तथा सरकार पूरी तरह से फेल है। जब चुने गए जनप्रतिनिधियों का है यह हाल है तो आम जनता की तो बिसात ही क्या है। चुने जाने के बाद सरपंचों ने अपना कार्यभार भी नहीं संभाला था कि सरकार ने तानाशाही दिखाकर उनसे उनके हक छिन लिए और उन्हे धरनारत्त होना पड़ा। हरियाणा सरकार अपने रवैये से गांव की छोटी सरकार के हाथों को राईट-टू-रिकॉल कानून व ई-टैंडरिंग के माध्यम के हाथ बांधने का कार्य किया है। सरकार के इन काले कानूनों के कारण पंचायती राज संस्थाएं प्रभावित हुई है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि राईट-टू-रिकॉल कानून वापिस लिया जाए, ई-टैंडरिंग समाप्त की जाए, बीपीएल कार्ड का सर्वे सरपंच को माध्यम से करवाया जाए, आवास योजना का लाभार्थियों को लाभ तत्काल दिया जाए, 50 लाख रूपए तक के कार्य सरपंच के माध्यम से करवाए जाए, गांव के किसी भी व्यक्ति जिसने खेल या अन्य क्षेत्र में नाम रोशन किया हो उसे पंचायत द्वारा सम्मानित करने का अधिकार दिया जाए, प्रतियोगिता करवाने का वित्तिय अधिकार सरपंचों को दिया जाए, गांव में किसी भी धार्मिक कार्य करवाने में वित्तिय अधिकार सरंपचों को दिए जाए तथा सरपंचों का वेतनमान 25000 प्रतिमाह किया जाए।
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