हरियाणा के भिवानी में शुक्रवार शाम को गौसेवकों ने पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर और डॉक्टरों को अस्पताल में बंधक बना लिया। गौसवकों का आरोप है कि पशु डॉक्टर पशु-पक्षियों का इलाज नहीं करते, जबकि डिप्टी डायरेक्टर ने सभी आरोप बेबुनियाद बताए हैं।
बता दें कि गौसेवक जिला पशु अस्पताल के बाहर तीन दिन से कई घायल पशु-पक्षियों को लेकर धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार शाम को गौसेवकों ने घायल पशु-पक्षियों को अस्पताल में छोड़ दिया। जब पशु चिकित्सक व अधिकारी शाम को घर जाने लगे तो गौसेवक अस्पताल के मेन गेट पर धरना देकर बैठ गए। जिसके बाद पशु चिकित्सक और डिप्टी डायरेक्टर अंदर ही कैद होकर रह गए। घायल पशु-पक्षियों को एक बड़ी गाड़ी में गौशाला ले जाने लगे तो गौसेवकों ने गाड़ी को भी रोक दिया। मामला बढ़ता देख मौके पर पुलिस बल भी पहुंचा।
गौसेवक संजय परमार ने बताया कि जब भी कोई पशु या पक्षी घायल होता है तो मौके पर उपचार के लिए कोई पशु डॉक्टर नहीं आता। इसके विरोध में तीन दिन से अस्पताल के बाहर घायल पशु पक्षियों को लेकर धरना दिया जा रहा है। अब प्रशासन हम पर ये पशु-पक्षी कैद करने का आरोप लगाने लगा तो हमने उन्हें अस्पताल में बांध दिया।
अस्पताल में बांधे पशु।
जब पशु चिकित्सक बिना उपचार के घर जाने लगे तो उन्हें रोका। उन्होंने कहा कि जब तक समाधान नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अब डॉक्टर इन घायल पशु पक्षियों को उस गोशाला में ले जा रहे हैं जहां पहले ही पशुओं की भीड़ है। इसलिए गाड़ी को भी रोका गया।
वहीं पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सुखदेव राठी ने बताया कि गौसवकों के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। हमारी टीम हर समय घायल पशु पक्षियों के इलाज के लिए तैयार रहती है। जिला के किसी भी अस्पताल में दवा की भी कमी नहीं। उन्होंने उलटे गौसेवकों की मंशा पर सवाल खड़े किए और कहा कि हमने अब भी सभी पशु पक्षियों का इलाज किया और गौशाला में ना छोड़ने पर गौसेवक अड़े हुए हैं।
गाड़ी को रोकते गौसेवक।