भारतीय संस्कृति पर 2 हजार सालों से हुए निरंतर आक्रमण – रासबिहारी

एस• के• मित्तल     

सफीदों,       विश्व हिंदू परिषद के केंद्रिय सहमंत्री रासबिहारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति पर निरंतर दो हजार साल से आक्रमण होते रहे है। इसके बाद भी आज भारत देश हिंदू बहुल है। यह हमारी आध्यात्मिक शक्ति, सहनशीलता और हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष का ही परिणाम है। वे यहां वरिष्ठ नागरिक मित्र मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष यशपाल सूरी ने उनको अंगवस्त्र भेंट करके अभिनंदन किया। अपने संबोधन में रासबिहारी ने कहा कि ब्रिटिशों ने भारत में देखा कि हिंदू समाज अपने इतिहास से शिक्षा लेता है और अपने महान पूर्वजों के इतिहास से सीखकर मजबूती प्रदान करता है, इसलिए हमारी शिक्षा पद्धति को धूमिल कर दिया गया। ऐसा इतिहास परोसा गया, जिसे पढ़कर हमें अपने पूर्वजों की गुलामी महसूस होती रहे। आज भी हिंदू समाज को षड्यंत्र कर जातियों में बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भी समाज का एक वर्ग ऐसा है, जो सोचता है कि इस देश को बर्बाद किया जाए लेकिन उनके ये इरादे न आज तक पूरे हुए हैं, न भविष्य में होने देंगे। विहिप का प्रत्येक कार्यकर्ता अपने राष्ट्र और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए सीना तानकर खड़ा है। आज आंतकियों व उनको संचालित करने वाले संगठनों के फन को कुचलने की आवश्यकता है।
ताकि उनकी आने वाली पीढिय़ां भी किसी देश विरोधी गतिविधि करने से पहले सौ बार सोचे। इसके लिए एक दीर्घकालीन रोडमैप बनाने और उसके क्रियांवयन की पुरजोर आवश्यकता है। इस मौके पर दर्शनलाल मेहता, जयदेव माटा, वेदप्रकाश नंदवानी, चेतनदास, ओमप्रकाश जून, धर्म सिंह, प्रेमचंद तनेजा, रामभगत थनई, शकुंतला रानी, प्रमोद गौत्तम, सतीश बलाना, प्रमोद कुमार, रामकरण कश्यप, ममता भाटिया, डोली, सुनीता, संतोष मेहता, रमा मेहता, कांता थनई व ऊषा थनई मौजूद थीं।

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