समारोह में करीबन 150 साधक साधिकाओं ने भाग लिया
जीन्द, एस• के• मित्तल : भारतीय योग संस्थान श्री बनखंड महादेव जींद जिला इकाई द्वारा भानु हाई स्कूल भिवानी रोड पर महिला योग शक्ति दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस समारोह में बाल धर्मार्थ हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. श्वेता जैन ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। भारतीय योग संस्थान के प्रांतीय उपप्रधान होशियार सिंह आर्य समारोह के विशिष्ठ अतिथि रहे। अध्यक्षता योग संस्थान की प्रमुख शिक्षिका शकुन्तला गाभा द्वारा की गई। इस अवसर पर जिला प्रधान वीरेन्द्र गोयल, महिला जोन प्रधान कुसुम गुप्ता, महासचिव नवीन गुप्ता, कोषाध्यक्ष बीछा राम जिंदल, संगठन मंत्री नवीन गर्ग, प्रेस प्रवक्ता सोमनाथ गोयल, हरकेश गर्ग, जसवंत लाठर, लाजपत गोयल, पुष्पा गोयल इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस समारोह में जहां महिला सशक्तिकरण को लेकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया वही बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। समारोह में करीबन 150 साधक साधिकाओं ने भाग लिया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि श्वेता जैन ने कहा कि बदलते सामाजिक परिवेश के बीच आज महिलाएं पहले की तुलना में अधिक महत्वाकांक्षी हो गई है। आज महिलाओं की भूमिका उनकी पारंपरिक घरेलू महिलाओं या मां और बेटी की भूमिका से बिल्कुल अलग हो चुकी है। आज महिलाएं घर की चारदीवारी से निकलकर सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक जगत में लिए जा रहे फैसलों में बराबर की भूमिका अदा कर रही है। महिलाओं के लिए योग के महत्व की बात करे तो किशोरावस्था से लेकर मां बनने की अवस्था और बुढ़ापे की अवस्था तक महिलाएं कई दोरो से गुजरती है। योग महिलाओं के शरीर को स्वस्थ बनाने के अतिरिक्त और भी बहुत कार्य करता है। यह मन को संतुलित करता है तथा आत्मा को पोषित करता है इसलिए महिलाएं योग को बोझ न समझे बल्कि यह उनके व्यस्त जीवन की एक आवश्यक गतिविधि है जो उनको अपने जिम्मेदारियों को पूर्णता से निभाने में सहायता करता है।
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय योग संस्थान द्वारा पूरे देश में महिला योग शक्ति दिवस समारोह धूमधाम से मनाया जाता है। इसी कड़ी में आज इस योग दिवस का कार्यक्रम रखा गया है। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय योग संस्थान शुरू होने के 10 साल के बाद संस्थान के पदाधिकारियों ने सोचा कि संस्थान महिलाओं के बिना अधूरा है जो महिलाएं समाज और राष्ट्र का आधार है उनका स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है। इसी विषय को लेकर 1980 में भारतीय योग संस्थान ने महिलाओं के लिए अलग से केन्द्र खोले जिसका परिणाम यह निकला कि योग केंद्रों पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा रहने लगी। आज भी किसी केन्द्र पर देखे तो पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या ज्यादा रहती है। दस साल पहले भारतीय योग संस्थान केन्द्र ने महिला योग शक्ति दिवस मनाने का फैसला लिया। तब से लेकर हर साल महिला योग दिवस धूमधाम से मनाया जाता है।