बिना प्रस्ताव पारित विकास कार्यों के टेंडर अलाॅट कर रहे: मेयर ने कहा नगर निगम हाउस मेंं प्रस्ताव पारित कराकर विकास कार्य कराएं

 

पार्षद बोले- उनके वार्ड में काम कराने से पहले उनको जरूर पूछा जाए पिछले डेढ़ साल से नगर निगम अधिकारी हाउस में बिना प्रस्ताव पारित के विकास कार्यों के टेंडर अलाॅट कर रहे हैं। पार्षदों की शिकायत के बाद मेयर शक्ति रानी ने नगर निगम कमिश्नर को लेटर लिखा है, जिसमें हाउस से प्रस्ताव पारित कराकर ही टेंडर लगाने के लिए कहा गया। वहीं कमिश्नर का कहना है कि एक करोड़ तक के टेंडर लगाने की पावर उनके पास है।

बिना प्रस्ताव पारित विकास कार्यों के टेंडर अलाॅट कर रहे: मेयर ने कहा नगर निगम हाउस मेंं प्रस्ताव पारित कराकर विकास कार्य कराएं

म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट के अनुसार जब हाउस की मीटिंग होती है तो उससे पहले पार्षदों से लिस्ट ली जाती है कि उनके वार्ड में क्या-क्या विकास कार्य कराने हैं। जो काम होने वाले होते हैं उन प्रस्तावों पर हाउस की बैठक में पारित किया जाता है। इसके बाद नगर निगम उन प्रस्तावों पर विकास के काम कराता है। पार्षदाें का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से नगर निगम के अधिकारी हाउस में विकास कार्यों के पारित हुए बिना ही विकास के टेंडर लगा रहे हैं। उनकाे यह तक पता नहीं होता कि उनके वार्ड में क्या कार्य नगर निगम करने जा रहा है। पार्षदों ने अपनी बात मेयर शक्ति रानी शर्मा के पास रखी। उन्होंने कहा कि स्थानीय सरकार के होते हुए अधिकारी अपनी मनमर्जी करने में लगे हैं।

हजपा पार्षद राजेश मेहता ने कहा कि नगर निगम की हाउस की मीटिंग में पार्षद प्रस्ताव पारित कर चुके हैं कि अगर कोई विकास के कार्य कराने हैं तो उससे हाउस की मंजूरी जरूरी है। इसके बावजूद निगम अधिकारी अपनी मनमर्जी से विकास के कार्यों के टेंडर लगे रहे हैं

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पार्षद एडवोकेट मिथुन वर्मा ने कहा कि सरकार जानबूझकर सीनियर व डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं करा रही, क्योंकि चुनाव के बाद कमेटियों का गठन किया जाता है। जब तक कमेटी विकास के कार्यों को मंजूर नहीं करेगी तब तक उनके टेंडर नहीं लगाए जा सकते। एजेंसी के साथ एग्रीमेंट की अप्रूवल भी कमेटी देती है। पार्षद विजय कुमार उर्फ टोनी चौधरी ने कहा कि हाउस की मीटिंग में ही प्रस्ताव पारित कराकर विकास के कार्य कराने चाहिए। चुने गए नुमाइंदों को ही पता होता है कि उनके वार्ड में कौन-कौन से काम होने हैं, क्योंकि लोग उनके पास ही विकास के कार्यों के लिए आते हैं।

नामित पार्षद पूजा चौधरी कहती हैं कि जब नगर निगम के अधिकारी विकास कार्य के टेंडर लगाते हैं तो पार्षदों को बताना चाहिए कि वह क्या कार्य कर रहे हैं, क्योंकि पार्षदों ने अपने वार्डों में प्राथमिकता के हिसाब से विकास कार्य कराने हैं। उन्हें कराया जा सके।

1 से 2.50 करोड़ की पावर हाउस के पास: वीरेंद्र लाठर
नगर निगम कमिश्नर वीरेंद्र लाठर ने कहा कि 1 करोड़ के विकास कार्य कराने की पावर कमिश्नर के पास होती है। एक से 2.50 करोड़ के विकास कार्य कराने की पावर हाउस के पास है। 2.50 से 3 करोड़ की पावर डायरेक्टर यूएलबी के पास है। 3 करोड़ से ज्यादा की पावर यूएलबी के प्रशासनिक सचिव के पास है।
जैसा छुट्टी पर जाने से पहले कमिश्नर ने भास्कर के साथ बातचीत में बताया)

कमिश्नर ने लेटर का अब तक नहीं दिया जवाब : शक्ति
विकास कार्यों को लेकर पार्षद मुझसे मिले थे। मैंने नगर निगम कमिश्नर को लेटर लिखकर कहा गया कि विकास के टेंडर लगाने से पहले हाउस की परमिशन लें। अभी तक उनका जवाब नहीं आया है।
शक्ति रानी शर्मा, मेयर, नगर निगम

नगर निगम ने अभी ये टेंडर लगाए

टेंडर का नाम एस्टीमेट
खतौली डेयरी कांप्लेक्स में 10
एचपी इलेक्ट्रिकल मोटर 1.51 लाख
सेक्टर 8 में स्ट्रीट एंड ड्रेन 14.21 लाख
खतौली कांप्लेक्स में एमपीएस निर्माण 80.02 लाख
सप्लाई आफ सेनिटेशन उपकरण —
1-20 वार्ड में सीटीपीटी टाॅयलेट की रिपेयर 75.90 लाख
1-20 वार्ड में सीटीपीटी टाॅयलेट निर्माण 94.93 लाख
12.6 एचपी डीजल सेल्फ प्राइमरी पंप
विद ट्राॅली 13.07 लाख

 

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