बिजली समस्या को लेकर सिंघाना पावरहाऊस पर किसानों ने की तालाबंदी नारेबाजी करते हुए किसानों ने साढ़े 5 घंटे दिया धरना

एक्सईएन के आश्वासन पर उठाया धरना

एस• के• मित्तल   
सफीदों,      बिजली समस्या से तंग आए 5 गांवों सिंघाना, पाजू कलां, पाजू खुर्द, मुआना व छाप्पर के किसानों ने बुधवार को उपमंडल के गांव सिंघाना स्थित पावरहाऊस पर तालाबंदी करते हुए धरना दिया और जमकर नारेबाजी भी की। किसान बुधवार सुबह 8 बजे पावरहाऊस पर अपनी समस्या को लेकर पहुंचे और वहां पर कार्ररत्त कर्मचारियों से बातचीत की। समस्या का हल ना निकलता देख किसानों ने पावरहाऊस के गेट पर तालाबंदी की दी और वहीं पर तिरपाल बिछाकर धरने पर बैठ गए।
ग्रामीणों की मांग थी कि उन्हें पहले चल रहे शेड्यूल के मुताबिक ही बिजली दी जाए तथा अघोषित कट ना लगाए जाएं। तालाबंदी की सूचना पाकर बिजली विभाग के एसडीओ अंकुश गर्ग व सदर थाना एसएचओ बलजीत सिंह मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों का कहना था कि जब तक विभाग का कोई बड़ा अधिकारी उन्हें आकर पुख्ता आश्वासन नहीं दे देता तब तक वे इसी प्रकार तालाबंदी करके धरने पर बैठे रहेंगे। धरने में शामिल मार्किट कमेटी सफीदों के पूर्व चेयरमैन विक्रम राणा, गांव सिंघाना के पूर्व सरपंच सुरेंद्र राणा, बजिंद्र पाजू समेत अनेक ग्रामीणों का कहना था कि यह पिछले कई दिनों से बिजली समस्या को लेकर आंदोलनरत्त हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। निगम की मनमानी के कारण गांव सिंघाना, पाजू कला, पाजू खुर्द, मुआना व छाप्पर सबसे अधिक प्रभावित हैं।
उनके  क्षेत्र में जो पहले वाला शेड्यूल काफी हद तक ठीक था लेकिन अब उस शेड्यूल को बदलकर विभाग ने इन पांच गांवों के किसानों के साथ नाइंसाफी की है। ग्रामीणों का आरोप था कि निगम के अधिकारी व कर्मचारी हैचरियों व राईस सैलरों को तो पूरी बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं लेकिन किसानों को बिजली से महरूम रखा जा रहा है। इस इलाके के किसान को रात में केवल 2 घंटे ही बिजली प्राप्त हो रही है। इस समस्या को लेकर मंगलवार को भाजपा जिलाध्यक्ष राजू मोर इस पावरहाऊस पर पहुंचे थे और अधिकारियों से बात की थी। तब आश्वासन मिला था कि समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन उनके हस्तक्षेप को बिजली अधिकारी व कर्मचारी मानने से इंकार कर रहे हैं। वहीं निगम के अधिकारी व कर्मचारी किसानों के ऊपर फोर्स बुलवाकर पुलिस के डंडे मरवाने व एफआईआर दर्ज करवाने तक की धमकियां देते हैं। उनका आरोप था कि यहां पर कार्यरत्त निगम का स्टाफ भ्रष्ट है और किसानों व जनप्रतिनिधियों के के फोन तक रिसिव नहीं करते। इस पावरहाऊस के स्टाफ पर सरकार द्वारा तत्काल कड़ा एक्शन लेने की आवश्यकता है। किसानों का कहना था कि एक सोची समझी रणनीति के तहत निगम के अधिकारी व कर्मचारी उन्हें व उनकी धान की फसलों को बर्बाद कर देना चाहते हैं।
बिजली के अभाव में अगर खेतों में कुछ पैदा नहीं होगा तो उनके बच्चे भूखे मरने की नौबत पर आ जाएंगे। इस मामले में मौके पर पहुंचे एसडीओ अंकुश गर्ग का कहना था कि बिजली उत्पादन काम है और इस पावर हाऊस पर लोड भी ज्यादा है। कम उत्पादन व अधिक लोड़ को देखते हुए बिजली सप्लाई का शेड्यूल बनाया गया है। यहां पर सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक और रात्रि 10 बजे से 6 सुबह बजे तक शेड्यूल बनाया गया है लेकिन यहां के किसान चाहते हैं कि उन्हें हमेशा ही दिन का शेड्यूल दिया जाए।
वे रात का शेड्यूल लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। उनकी तरफ से जैसे निर्देश आएंगे, उनकी अनुपालना की जाएगी। उसके उपरांत निगम के एक्सईएन विनीत पातड़ मौके पर पहुंचे और किसानों को आश्वासन दिया कि उन्हे पहले के शेड्यूल के अनुसार ही बिजली दी जाएगी। एक्सईएन के आश्वासन के उपरांत किसान मान गए और अपना धरना समाप्त करते हुए तालाबंदी खोल दी।

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