किसानों की कई एकड़ गेंहू की फसल जलकर खाक
दमकल की गाड़ी हुई पंगु साबित, किसानों में रोष
एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के पानीपत रोड़ स्थित बिजली वितरण निगम के पावरहाऊस के ठीक पीछे स्थित गांव सरनाखेड़ी के खेतों में मंगलवार को अचानक आग लग गई।
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आग लगने का कारण खेतों में गुजर रही बिजली की बड़ी लाईन में से चिंगारी उठना बताया जा रहा है। किसानों का आरोप था कि लोगों व टै्रक्टर की मदद से उन्होंने स्वयं आग पर काबू पा लिया लेकिन उनकी मदद के लिए प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा और दमकल की गाड़ी मौके पर तो पहुंची लेकिन वह पंगु साबित हुई। दमकल के कर्मियों ने आग बुझाने से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि अगर गाड़ी खेत में फंस गई तो उसका जिम्मेवार किसान होगा। दमकल के इस रवैये के कारण किसानों में रोष देखने को मिला।
मिली जानकारी के अनुसार सफीदों व गांव सरनाखेड़ी के बीच में पावर हाऊस मौजूद है और इस पावर हाऊस से बिजली की बड़ी लाईन खेतों में से निकलकर आगे जाती है। किसान जसबीर सिंह ने बताया कि इस लाईन की सिटी फटकर एकदम से चिंगारियां निकली और उनकी गेंहू की खड़ी-खड़ाई फसलों में आ गिरी। चिंगारी गिरते ही खेतों में पकी गेंहू की फसल ने आग पकड़ ली और चारो ओर धुंआ फैल गया। धुंए को देखकर आसपास के काफी किसान मौके पर पहंच गए और उन्होंने आग को बुझाने के साथ-साथ दमकल व डायल 112 को फोन किया। वहीं पास लगती मुर्गी फार्म में कार्यरत्तर लोगों की मदद से किसानों ने पानी लेकर आग पर काबू करने का प्रयास किया लेकिन सफलता ना मिलते देखकर आननफानन में अपने ट्रैक्टर में हैरो जोड़कर आग लगे खेत की जुताई शुरू की ताकि आग को आगे फैलने से रोका जा सके। किसानों ने पेंड़ों की झांडियों व ट्यूबवैल के पानी के द्वारा किसी तरह से आग पर काबू पाया। किसान की पकी पकाई फसल जुताई में मिट्टी में मिल गई।
दमकल की गाड़ी काफी देर के बाद मौके पर पहुंची तो किसान आग पर काबू पा चुके थे। जसबीर ने बताया कि इस घटना में उसकी एक एकड़ फसल जलकर राख हो गई। अगर समय पर लोगों की मदद ना मिलती तो बहुत बड़ा इलाका आग की चपेट में आ सकता था। जसबीर सिंह ने बताया कि उसके खेतों में नुकसान का सिलसिला कोई नया नहीं है क्योंकि पिछले वर्ष भी उसकी अढ़ाई एकड़ फसल जल गई थी। सरकार व प्रशासन की ओर से उसे आजतक कोई मुआवजा नहीं मिला। वहीं इसी इलाके में दूसरी घटना के पीडि़त किसान दिनेश व बलबीर ने बताया कि इसी मेन लाईन में चिंगारी निकलकर उनके खेतों में आ गिरी और उनकी फसल को आग ने लील लिया। उन्होंने बताया कि इस घटना में उनके 2 एकड़ खड़ी फसल व 2 एकड़ फाने जलकर राख हो गए।
उन्होंने बताया कि उनके बुलावे पर अग्रिशमन की गाड़ी मौके पर पहुंची तो जरूर लेकिन गाड़ी में बैठे कर्मचारियों ने दमकल की गाड़ी को खेतों में उतारने से मना कर दिया। कर्मचारियों का कहना था कि अगर गाड़ी खेत में फंस गई तो उसका हर्जा-खर्चा किसान को देना होगा व सारी जिम्मेवारी उनकी होगी। किसानों का कहना था कि उनके खेतों में हर रोज ट्रैक्टर-ट्रॉली व कंबाईन इत्यादि आ रही है तो दमकल की गाड़ी को आने में क्या परेशानी है। किसानों का कहना था कि पहले ही उनका आग से भारी नुकसान हो चुका है और ऐसे में दमकल कर्मियों के द्वारा उनसे हर्जा-खर्चा मांगना कहा तक जायज है। किसानों ने बताया कि बिजली की लाईन में से चिंगारी उठने कि वे कई बार बिजली निगम के अधिकारियों को सूचित कर चुके है लेकिन महकमें ने इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया है। किसानों का यह भी कहना था कि फसल बीमा योजना के नाम पर उनके खातों में से पैसे तो हर वर्ष काट लिए जाते हैं लेकिन जब मुआवजा देने की बात आती है तो बीमा कंपनी व सरकार मुंह फेर लेती है। आगजनी की घटना में पीडि़त किसानों से शासन व प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है।