बच्चों ने किया ऐतिहासिक नागक्षेत्र सरोवर व मंदिर का भ्रम

 

 

एस• के• मित्तल   

सफीदों, नगर के एंजल्स पैराडाइज प्री स्कूल के बच्चों ने सफीदों के ऐतिहासिक स्थल नागक्षेत्र सरोवर व मंदिर का भ्रमण किया। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी यतिंद्र कौशिक ने बच्चों को तीर्थ के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया।

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यतिंद्र कौशिक ने बच्चों की मां दुर्गा के मंदिर में पूजा-अर्चना करवाई और प्रसाद वितरित किया। अपने संबोधन में पंडित यतिंद्र कौशिक ने कहा कि इस मंदिर के साथ श्रद्धालुओं की दूर-दूर तक आस्था जुड़ी हुई है। यहां पर आकर अपनी मन्नतें मांगते हैं और उनकी मन्नतें भी पूरी होती है। बताया जाता है कि जयंती देवी मंदिर जींद में स्थापना के लिए महाराजा जींद में मां दुर्गा की प्रतीमा ला रहे थे कि उस समय के सर्पदमन और आज के सफीदों आते-आते रात गहरा गई। उन्होंने रात में नागक्षेत्र सरोवर पर पडाव डालकर मां दुर्गा की मूर्ति को भी यहीं पर उतार लिया गया।

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सुबह जब नित्यकर्म के पश्चात राजा ने चलने के लिए कहा और कर्मचारियों ने मूर्ति को उठाना चाहा तो मूर्ति वहां से टस से मस भ्भी नहीं हुई। जिस पर राजा सारा मामला समझ गए और उन्होंने पूरे भक्तिभाव से प्रण लिया कि वे इस प्रतीमा को नागक्षेत्र सरोवर प्रागंण में ही विराजित करवाएंगे। इस प्रण के बाद जब मूर्ति को उठाना चाहा तो मूर्ति हिल गई। राजा ने अपने प्रण के अनुसार मां दुर्गा की प्रतीमा को नागक्षेत्र सरोवर प्रांगण में मंदिर बनवाकर विराजमान करवाया। जिसके बाद राजा जयंती मंदिर जींद के लिए नई प्रतीमा लेकर आए। इस मौके पर स्कूल की चेयरपर्सन सोनिया भारद्वाज, सतीश शर्मा व रेखा जांगड़ा विशेष रूप से मौजूद थे।

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