जींद : महिला एवं बाल विकास विभाग बच्चों के संरक्षण और विकास के लिए अथक प्रयास कर रहा है। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रज़ा के मार्गदर्शन और जिला कार्यक्रम अधिकारी कांता यादव के दिशानिर्देशों में जिला में यह विभाग बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर कार्यरत है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने बताया कि पिछले दिनों नवजात बच्चों को झाड़ियों में या अन्य स्थानों पर छोड़ने की हृदयविदारक घटनाएं सामने आई हैं। यह अमानवीय कृत्य न केवल समाज के लिए शर्मनाक है, बल्कि एक गंभीर अपराध भी है। माता-पिता की ऐसी मानसिकता पर सवाल उठता है कि कैसे वे अपने बच्चों को इस प्रकार छोड़ सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर ऐसे हजारों परिवार हैं जो सीएआरए (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी ) के तहत बच्चे को गोद लेने के लिए वर्षों तक प्रतीक्षा करते हैं। सरकार ने जरूरतमंद और पात्र परिवारों के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए 4 हजार प्रति माह की स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की है। वर्तमान में जिला जींद में 71 बच्चों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। यह योजना जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के लिए जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ऐसे अवांछित बच्चों को सुरक्षा और संरक्षण देने के उद्देश्य से जिला में प्रमुख स्थानों जैसे लघु सचिवालय, मंदिरों और पुलिस थानों पर क्रैडल पॉइंट (पालना केंद्र) स्थापित किए गए हैं। ऐसे माता-पिता या अभिभावक जो किसी कारणवश अपने बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ हैं, वे इन क्रैडल पॉइंट्स का उपयोग कर सकते हैं। इस पहल के माध्यम से बच्चे की जान बचाई जा सकती है और उसे गोद लेने की प्रक्रिया के तहत एक नया जीवन प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग सभी माता-पिता और अभिभावकों से अपील करता है कि वे बच्चों को असुरक्षित स्थानों पर न छोड़ें। यदि आवश्यक हो, तो बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत होकर समर्पण भी किए जाने का प्रावधान है। यदि कोई व्यक्ति नवजात बच्चों को छोड़ने, मारने या उनकी जान जोखिम में डालने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी को इस प्रकार की घटना का पता चलता है, तो वह तुरंत हेल्पलाइन नंबरों 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन, टोल फ्री) और 112 (आपातकालीन सहायता),9728022088 / 8607054800 पर सूचना दे सकता है। सूचना देने वाले की आइडेंटिटी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। विभाग द्वारा आमजन से अपील की गई है कि यह जानकारी समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाएं ताकि इन घटनाओं को रोका जा सके और बच्चों को सुरक्षित भविष्य दिया जा सके। अधिक जानकारी और संपर्क के लिए लघु सचिवालय, कंज्यूमर कोर्ट, प्रथम तल, कमरा नंबर 5, जींद पर विभाग से संपर्क कर सकतें है।
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