हरियाणा के जिले करनाल की आबोहवा शुद्ध बनी रही, इसके लिए कृषि विभाग अलर्ट मोड पर है। विभाग ने फसल अवशेष जलाने वाले 6 किसानों को नोटिस है, साथ ही जांच भी शुरू कर दी है। विभाग की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगा सकते है कि विभाग ने पिछले 10 साल के रिकॉर्ड से इस बार फसल अवशेष जलाने वालों का रिकॉर्ड मिला रहे है। अगर फसल अवशेष जलाने वाले किसानों का रिकॉर्ड, पिछले सालों के रिकॉर्ड से मिलता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कृषि अधिकारी ने बताया कि अब तक 6 जगह फसल अवशेष जलाने की सूचना मिली थी, इनमें से पांच जगह सूचनाएं सही पाई गई जबकि एक जगह पर आग की घटना गलत मिली है। उन्होंने कहा कि किसान खेतों में फसल अवशेष आग के हवाले न करें, इसके लिए गांव के मौजिज लोगों के साथ-साथ ग्राम सचिव, पटवारी, नंबरदार को नियुक्त किया है। ये लोग घर-घर जाकर किसानों को जागरूक तो करेंगे ही साथ ही पराली जलाने वाले किसानों की सूचना भी देंगे ताकि ऐसा करने वालों के खिलाफ जुर्माना सहित कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा सकें।
फसल अवशेषों में आग लगाने के बाद उठे धुंए का दृश्य।
पिछले 10 सालों से लगातार किया जा रहा जागरूक
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग करनाल के उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि सरकार व विभाग पिछले 10 सालों से लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, प्रचार-प्रसार किया जा रहा है कि किसान फसल अवशेषों को आग के हवाले न करें। यहीं नहीं सरकार द्वारा जिले में करीब 6 हजार 500 मशीनें उपलब्ध है, जो फसल अवशेषों को खेत में ही लगा सकती है। इसके अलावा करीब 250 टिलर मशीन है, डी कम्पोस्ट उपलब्ध है। इसके बाद भी किसान फसल अवशेषों को आग के हवाले करते है तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नोटिस भेजकर नियम अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा।
फानों में लगी आग।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं
उप कृषि निदेशक ने कहा कि अगर मॉनिटरिंग टीम की कार्यप्रणाली में कमी मिलती है या फिर किसान बार बार फसल अवशेष जला रहे है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ड्यूटी में लापरवाही किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जाएगी। सरकार प्रदूषण फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने सभी से अपील की पराली जलाने से हरियाणा व करनाल जिले की बदनामी न हो, इसके लिए फसल अवशेष प्रबंधन अमल में लाए, जो किसानों के साथ-साथ पर्यावरण के हित में है।
पिछले साल किसानों को दिए 4.45 करोड़ रुपए
उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि पिछले साल विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन करने पर चार करोड़ 45 लाख रुपए दिए गए है। सरकार ने भी घोषणा की है कि पराली का प्रबंधन करने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपए दिए जाएगे। डॉ. डबास ने बताया कि अगर किसान पराली जलाते हुए पाया जाता है तो 2 एकड़ से लेकर 2.50 एकड़ तक 25 सौ रुपए, 2.50 एकड़ से 5 एकड़ तक 5 हजार तथा पांच एकड़ से ज्यादा पर 15 हजार रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
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