फतेहाबाद में दशहरे के पर्व पर बुधवार को ‘रावण’ खड़ा नहीं हो पाया। वजह- टांगों में आया ‘फ्रेक्चर’। तमाम प्रयासों के बावजूद जब सफलता नहीं मिली तो रावण का लेटी मुद्रा में ही दहन कर दिया गया। फतेहाबाद शहर के दशहरा ग्राउंड में दहन के लिए रावण का 40 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया था। महंगाई अधिक होने की वजह से इस बार कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले नहीं बनाए गए।
बुधवार शाम 6 बजे पुतला दहन किया जाना था मगर रावण का पुतला खड़ा ही नहीं किया जा सका। दरअसल पुतले में टांगों की जगह जो बांस लगाए गए, वह टूट गए थे। दशहरा आयोजक कमेटी के सदस्यों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर जेसीबी की मदद से पुतले को खड़ा करने की कोशिश की मगर सफलता नहीं मिली।
फतेहाबाद में लेटाकर ही किया रावण का दहन।
पुतला जलने से पहले ही मैदान में घुस गए लोग
लगभग सवा घंटे बाद भी जब पुतला खड़ा नहीं किया जा सका तो उसका लेटी मुद्रा में ही दहन करने का फैसला लिया गया। पुतले की टूटी हुई टांगें उसके पास ही रखकर आग लगा दी गई। अभी पुतला पूरी तरह जला भी नहीं था कि रावण दहन देखने आई भीड़ मैदान के अंदर घुस गई। दरअसल रावण के पुतले की लकड़ी घर ले जाने को शुभ माना जाता है। लोगों ने पुतले टांगें उठाकर भागना शुरू कर दिया। जिसके हाथ में अधजली लकड़ी आई, वह उसे उठाकर बाहर की तरफ भाग खड़ा हुआ।
क्रेन की मदद से रावण का खड़ा करने की कोशिश करते।
पुलिस ने मुश्किल से संभाली स्थिति
लोगों के बीच हड़बड़ाहट देखकर पुलिसवालों ने जैसे ही उन्हें शांत करने के लिए लाठियां दिखाई, लोगों को लगा कि लाठीचार्ज होने वाला है। घबराए लोग ग्राउंड से बाहर की तरफ भागे तो सामने से भीड़ अंदर की तरफ आ गई। आखिर में पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला और लोगों को काबू किया।