कहा : गीता जी को जन-जन तक पहुंचाने में स्वामी ज्ञानानंद का अहम योगदान
सफीदों, एस• के• मित्तल : राष्ट्रीय कीर्ति आह्वान समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं एक मिनट एक साथ गीता पाठ प्रकल्प के प्रदेश संयोजक एडवोकेट विजयपाल सिंह ने मंगलवार को प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सद्प्रेरणा से पूरे राष्ट्र में आज 11 दिसंबर को प्रात: 11 बजे एक मिनट एक साथ गीता पाठ का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान के तहत हर शहर, कस्बे, गांवों, स्कूलों, मंदिरों, प्रतिष्ठानों व घरों पर गीता जी के तीन श्लोकों का एक साथ पाठ किया जाएगा। विजयपाल सिंह ने कहा कि वैसे तो गीता सबको अपने जीवन में प्रतिदिन पढ़नी चाहिए लेकिन अगर व्यक्ति प्रतिदिन पढ़ नहीं पा रहा है उसके लिए यह एक पुनित अवसर आया है कि वह 11 दिसंबर को सुबह 11 बजे एक मिनट, एक साथ, गीता पाठ करें। चाहे व्यक्ति कहीं पर भी हो, घर में हों, कार्यालय में हो या प्रवास कर रहे हो। उन्होंने बताया कि गीता जी के प्रथम, मध्य व अंतिम 3 श्लोकों के प्रकाशित फोल्डर लोगों को वितरित किए जा रहे है ताकि उन्हे 11 दिसंबर को गीता पाठ करने में किसी प्रकार की असुविधा ना हो। उन्होंने कहा कि गीता जी के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के अमूल्य योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। स्वामी ज्ञानानंद ने इस पवित्र ग्रंथ गीता के प्रकाश को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि गीता जीवन जीने का आध्यात्मिक ग्रंथ है। गीता हमें कर्म करने का संदेश देती है। ग्रंथ गीता किसी एक धर्म की नहीं बल्कि समस्त मानव जाति को जीने की कला सिखाती है।
महाभारतकालीन नागक्षेत्र सरोवर पर होगा दीपदान
विजयपाल सिंह ने बताया कि जीओ गीता के तत्वावधान में सफीदों के महाभारतकालीन नागक्षेत्र सरोवर पर भी गीता जयंती के अवसर पर 11 दिसंबर की सांय 4 बजे 1100 दीपों के दान व गीता पाठ का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में सैंकड़ों लोग भाग लेकर दीपमाला करेंगे और संगीतमय गीता पाठ करेंगे। वहीं नगर के श्रद्धालुगण नागक्षेत्र सरोवर पर एकत्रित होकर महाआरती करेंगे। इस आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियां चल रहीं हैं। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे इस कार्यक्रम में शामिल होकर दीपदान करके पुण्य अर्जित करें। इसके अलावा उन्होंने लोगों से विशेष अनुरोध यह भी किया कि वे 11 दिसंबर को अपने-अपने घरों, प्रतिष्ठानों, कार्यालयों, पूजा स्थलों व मंदिरों में भी दीपक जलाएं। अपने-अपने घरों के बाहर भी दीपावली की भांति दीपमाला करें।