प्रशासन द्वारा वसीका नवीसों व स्टांप वेंडरों से चैंबर खाली करवाने का मामला

 

वसीका नवीसों व स्टांप वेंडरों ने मिनी सचिवालय में दिया धरना

हमें अपने चैंबरों में बैठने की इजाजत दे प्रशासन: वसीका नवीस

एस• के • मित्तल   

सफीदों, प्रशासन द्वारा मिनी सचिवालय में बैठे वसीका नवीसों व स्टांप वैंडरों से चैंबर खाली करवाने का मामला गहरा गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए वसीका नवीसों व स्टांप वैंडरों ने बुधवार को मिनी सचिवालय में धरना दिया और प्रशासन से उन्हे उनके चैंबरों में बैठने देने की मांग की। धरना देने वाले वसीका नवीस शीतल प्रकाश, निहालचंद, विनोद कुमार, अजीत सिंह, विजय प्रकाश तथा स्टांप वेंडर शिव कुमार व धर्म सिंह का कहना था कि वे पिछले करीब 22 साल से इस जगह पर डॉक्यूमेंट लिखने, स्टांप बेचने व सरकार की अन्य योजनाओं के कागज तैयार करने का कार्य कर रहे हैं। करीब 22 साल पहले तात्कालीन एसडीएम सीआर राणा ने खुद यह चेंबर बनवाने की अनुमति प्रदान की थी।

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उन्होंने खुद अपने पैसों से अपने-अपने चेंबरों का निर्माण करवाया था। सरकार की ओर से उन्हे जारी लाइसेंस में भी हिदायत दी गई है कि वे तहसील परिसर में बैठकर कार्य कर सकते हैं। प्रशासन ने उनसे यहां से तो जगह खाली करवा ली लेकिन उनके बैठने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। उनका कहना है कि सरकार के लगभग सभी कार्य ऑनलाइन तरीके से होते हैं। उसके लिए पर्याप्त जगह, बिजली, कम्प्यूटर व इंटरनेट की आवश्यकता होती है और ये कार्य खुले में बैठकर नहीं किए जा सकते हैं। उनका कहना था कि प्रशासन के इस फरमान से करीब 70-80 परिवारों के पेट पर लाठी लगी है। उन्होंने बताया कि उनके पास प्रशासन की ओर से जारी किया गया किरायानामा भी है तथा वे वर्ष 2016 तक सरकार को किराया भी अदा करते आए है। उसके बाद प्रशासन ने उनसे किराया लेना बंद कर दिया था। उनके पास तहसीदार के द्वारा लिख्खित किरायानामा है तथा अदा किए गए किराए की रसीदें भी उनके पास है लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन ने भीड़़ होने व वाहनों के आने-जाने की दिक्कत का हवाला देकर दादागिरी दिखाते हुए उनसे चैंबर खाली करवा लिए। जबकि स्थिति यह है कि उनके चैंबर मिनी सचिवालय की सड़क से करीब 50 फुट पीछे है तथा उनके चैंबरों से किसी को कोई दिक्कत नहीं है। इनका कहना था कि पंजाब डॉक्यूमेंट राइटर्स लाइसेंसिंग रूल्स के तहत उन्हें जारी लाइसेंस में तो लिखा है कि वे उप रजिस्ट्रार कार्यालय में काम करने को अधिकृत हैं लेकिन यहां अधिकारी उन्हें काम्प्लेक्स से ही बाहर कर रहे हैं जो सरासर नाजायज है। प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार ने इन्हें दुकानों का मलबा शीघ्र हटाने का निर्देश दिया है। उन्होंने साफ किया कि अगर उन्हे उनके चैंबरों में बैठने की इजाजत नहीं दी गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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क्या था मामला

गौरतलब है कि तहसीलदार द्वारा वसीका नवीसों व स्टांप वैंडरों को नोटिस जारी करके मंगलवार को उनके पक्के चेंबरों और दुकानों को खाली करवा लिया था। 26 अगस्त को तहसीलदार ने वसीका नवीसों व स्टांप वैंडरों को नोटिस जारी करके कहा था कि उनके द्वारा तहसील कांप्लेक्स में बनाए गए पक्के चेंबर व दुकाने अवैध हंै। इन चैंबरों व दुकानों के कारण आमजन को आने-जाने व वाहन पार्किंग में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नया सचिवालय लगभग बनकर तैयार हो चुका है और नए सचिवालय में कुछ अन्य विभागों का समावेश भी होना है। कार्य की अधिकता व आमजन की सुविधा को देखते हुए मध्य में बनाए गए पक्के चेंबरों व दुकानों को हटवाने के लिए उपायुक्त जींद व एसडीएम सफीदों से मौखिक आदेश प्राप्त हुए हैं। उपायुक्त जींद व एसडीएम सफीदों द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान अवैध तरीके से बनाए गए पक्के चेंबरों और दुकानों पर आपत्ति जताई गई है। इससे पहले 12 अगस्त को भी नोटिस जारी किया गया था। उसके बावजूद भी वसीका नवीस व स्टांप वैंडर निर्माण संबंधी किसी सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति व कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए। इसको लेकर मंगलवार तक का नोटिस वसीका नवीसों व स्टांप वैंडरों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस की अनुपालना में वसीका नवीसों व स्टांप वैंडरों ने मंगलवार प्रात: अपने-अपने परिसर खाली कर दिए।

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मुख्यमंत्री से मिलेंगे राजकुमार मोर

जिला भाजपा अध्यक्ष राजकुमार मोर की जिला के उपायुक्त मनोज कुमार से हुई बातचीत के हवाले से मोर ने बताया कि उपायुक्त ने इन दुकानदारों को कुछ समय देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे और सुझाव देंगे कि उपमंडल कंपलेक्स में साइड में कोई शेड्नुमा हाल बनाकर इनके बैठने की व्यवस्था की जाए ताकि इनका रोजगार भी चलता रहे और इनसे संबंधित काम धंधों के लिए लोग भी परेशान ना हों।

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क्या कहते हैं नायब तहसीलदार

इस मामले में नायब तहसीलदार रामपाल शर्मा ने बताया कि सरकार के आदेश हैं, ये दुकानें अवैध बनी हैं जो हर हाल में हटाई जाएंगी। इस जगह की पार्किंग के लिए जरूरत है। उन्होने कहा कि ऐसा केवल सफीदों में ही नहीं है, ऐसे कब्जे हटाने की कार्रवाई प्रदेश भर में की जा रही है। उन्होंने बताया कि 5 वसीका नवीसों व 2 स्टाम्प विक्रेताओं को 26 अगस्त को नोटिस भेजकर 29 अगस्त तक मलबा हटाने का निर्देश दिया गया था जो इन्होंने अभी तक नहीं हटाया है। शर्मा ने कहा कि काम्पलेक्स में ऐसे लोग तख्त डालकर काम कर सकते हैं जबकि इनका कहना है कि इन्हें चारदीवारी के साथ साइड में काम करने को जगह दे दी जाए। इन्होंने बताया कि एसडीएम ने चेतावनी दी है कि यदि वे काम्प्लेक्स में दिखे तो उन पर मुकदमा दर्ज करा दिया जाएगा।

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