पालकी में सवार होकर मां जयंती की निकली शोभा यात्रा

महिला श्रद्धालुओं ने गाये मां के भक्ति गीत

एस• के • मित्तल 
जींद,      गुप्त नवरात्रों के पावन पर्व पर महाभारत कालीन जयंती देवी मंदिर में 12 जुलाई तक चलने वाली श्रीसुख सागर कथा के शुभारंभ से पहले बुधवार को शहर में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जयंती देवी मंदिर से शुरू हुई इस कलश यात्रा में मां जयंती को पालकी में सजाकर उसकी परिक्रमा कराई गई। कलश यात्रा के दौरान महिला श्रद्धालुओं ने मां की स्तुति में भक्ति गीत भी गाये।
मंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने कहा कि बरसों पहले नगर में सोने से बनी हुई मां जयंती देवी की प्रतिमा को लेकर हजारों लोग शोभा यात्रा निकालते थे। भले ही अब मंदिर में सोने की प्रतिमा ना हो, किंतु माता का दीदार शहर का हर व्यक्ति कर सकें, इसके लिए इस बार शहर में शोभा यात्रा निकालने का फैसला किया गया हैं। शास्त्री ने बताया कि कलश यात्रा की अगुवाई में नगर परिक्रमा के बाद माता की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि कलश यात्रा रानी तालाब मंदिर होती हुई शाम को जयंती देवी मंदिर में पहुंची। इसी के साथ मंदिर में मानव कल्याण एवं सुख-समृद्धि के लिए श्रीसुख सागर कथा का शुभारंभ किया गया। यह लगातार 12 जुलाई तक चलेगा। 12 जुलाई को कथा के समापन पर मंदिर परिसर में शाम को विशाल भंडारे का आयोजन भी होगा।
श्रद्धालु सुनील शांडिल्य, सुभाष शर्मा, अमित बतरा, राजकुमार वर्मा, दीपक कौशिक, फूलकुमार, सुनील गोयल, सोमबीर मलिक, डॉ. दिनेश, अजय भोला, राजेंद्र शर्मा, कृष्ण लाल, विजय गोयल, दिनेश लखीना, अजमेर गौतम ने कहा कि बरसों बाद शहर में मां जयंती देवी को साथ लेकर निकाली गई यह शोभा यात्रा हर किसी के आकर्षण का केंद्र बनी हैं

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