हरियाणा के पानीपत के नेशनल हाईवे 44 पर पुलिस लाइन के सामने हुई 17.39 लाख की लूट का महज 24 घंटे में पर्दाफाश हो गया है। वारदात किसी और ने नहीं बल्कि खुद शिकायतकर्ता कलेक्शन सुपरवाइजर ने अपने कुरुक्षेत्र निवासी जीजा के साथ मिलकर की थी।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर, कैश बरामद कर लिया है। आरोपियों को शुक्रवार को पुलिस कोर्ट में पेश कर आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी। पुलिस के सीआईए-3 यूनिट ने इस लूट को सुलझाया है।
एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपी सुखजीत ने बताया कि वह वर्धमान फैक्ट्री में काम करता था। वह पिछले करीब 14 सालों से फैक्ट्री में कलेक्शन सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी कलेक्शन सुपरवाइजर और उसका जीजा।
वह काफी सालों से फैक्ट्री मालिक को तनख्वाह बढ़ाने के बारे में कह रहा था, मगर उसकी तनख्वाह नहीं बढ़ाई गई। इसके अलावा उसका फील्ड में घूमने का पेट्रोल और चाय पानी आदि का खर्च भी काफी हो रहा था।
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सुखजीत ने बताया कि वह जानता था कि सप्ताह में एक चक्कर कपूर इंडस्ट्री से रुपए लाने का जरूर ही लगता है। उसे पता था कि इस इंडस्ट्री से लाखों रुपए लेकर आने होते हैं। इसी के चलते काफी दिनों पहले उसने अपनेजीजा सुखबीर के साथ मिलकर प्लानिंग बनाई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा करते एसपी शशांक कुमार सावन।
प्लानिंग के तहत बुधवार को वह कपूर इंडस्ट्री से 17 लाख 39 हजार 200 रुपए लेकर चला और बीच रास्ते में अपने जीजा को बैग पकड़ा कर लूट की झूठी सूचना पुलिस को दी।
लगातार बदल रहा था बयान, सवालों में गिरा सुखजीत
इतनी बड़ी वारदात होने के बाद से पुलिस अलर्ट हो गई। एसपी ने मामले में तीनों CIA समेत थाना पुलिस को लगाया। साथ ही मामले का जल्द खुलासा करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ता सुखजीत से घटना के बारे में पूछताछ शुरू की।
कल तक था पीड़ित, आज बना आरोपी सुखजीत।
पुलिस पूछताछ में सुखजीत लगातार घटनास्थल, वारदात का तरीका, वारदात में आरोपियों की संख्या, वारदात में प्रयुक्त बाइक अलग-अलग बता रहा था। इसके अलावा सुखजीत बदमाशों द्वारा उस पर तानी गई पिस्तौल की जगह भी बार-बार बदल रहा था। ऐसे में उस पर शक गहराता गया और सख्ती से पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया।