आरोपियों के कब्जा से 99 डेबिट कार्ड, 62 सिम कार्ड, 23 मोबाईल फोन व एक बैंक पासबुक बरामद आरोपियों के एक बैंक खाते में एक महीने में हुई 24 लाख की ट्रांजेक्शन
सोहना क्राइम ब्रांच की टीम ने पाकिस्तान व दुबई में बैठकर धमकी देकर रंगदारी मांगने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 99 एटीएम कार्ड (डेबिट कार्ड), 62 सिम कार्ड, 23 मोबाइल फोन व एक बैंक पासबुक बरामद की है। एसीपी क्राइम प्रीतपाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले की जानकारी दी।
आरोपियों को छह दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, जिसमें आरोपियों ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों ने बताया कि उनके गिरोह के लोग पाकिस्तान में बैठकर धमकी भरे कॉल करते थे और बैंक अकाउंट में रंगदारी की रकम वसूलकर उन्हें भी कमिशन देते थे। यह रकम दुबई के रास्ते पाकिस्तान तक जाती थी। एसीपी प्रीतपाल ने बताया कि एक बैंक अकाउंट की जानकारी ली गई तो उसमें पाया कि एक महीने में 24 लाख रुपए की ट्रांजेक्शन की गई थी। अभी कई ऐसे बैंक अकाउंट की जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं एसीपी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विधायकों को धमकी देने वाला गिरोह से इस गिरोह का कोई संबंध अभी तक की पूछताछ में नहीं मिला है, लेकिन वसूली का तरीका समान है।एसीपी प्रीतपाल ने बताया कि एक प्रोपर्टी डीलर को 20 दिन पहले वाट्सएप वीडियो कॉल व ऑडियो कॉल पर एक गैंगस्टर के नाम पर धमकी देकर पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। वहीं रकम नही देने पर गोली मारने की धमकी दी थी।
उसने एक वीडियो कॉल उसके पास की और उसमें एक आदमी जंगल की जगह पर फायरिंग करते हुए दिखाई दिया। इस संबंध में केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई। सोहना क्राइम ब्रांच के प्रभारी सब इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश ने इस मामले में जांच करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान रितिक (19 वर्ष), गुलशन (20 वर्ष), बंटी कुमार (24 वर्ष) व संदीप उर्फ सैन्डी (20 वर्ष) के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी रितिक व गुलशन को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों को छह दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो इनके दो साथी बंटी व संदीप को भी गत शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से 99 डेबिट कार्ड, 62 सिमकार्ड, 23 मोबाइल फोन व एक बैंक पासबुक बरामद की गई।बैंक अकाउंट खरीदकर करवाते थे रुपए ट्रांसफरआरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि इनके कब्जा से बरामद हुए एटीएम कार्ड व सिम कार्ड इनके द्वारा खरीदे गए हैं। शिकायतकर्ता को जिस बैंक खाते में रुपए डालने के लिए कहते थे, वह बैंक अकाउंट भी आरोपियों ने बिहार के एक व्यक्ति को 25 हजार रुपए देकर खरीदा था।
जबकि मोबाईल फोन आरोपियों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग प्रयोग करने के लिए खरीदे हुए थे। इनके साथी पाकिस्तान व दुबई में बैठकर किसी बिजनेसमैन और आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्तियों को अपने अन्य साथियों के माध्यम से टारगेट करते थे। पाकिस्तान के फोन नंबर से उन्हें धमकी देकर बैंक में रुपए ट्रांसफर करवा लेते थे। धमकी देकर जिन बैंकों में रुपए ट्रांसफर ये ही आरोपी उन्हें उपलब्ध कराते थे। जिनमें रुपए आने के बाद ये आरोपी अलग-अलग बैंक खातों में नेटबैंकिंग के माध्यम से ट्रांसफर कर लेते थे। जबकि एटीएम से नकदी निकाल लेते थे। निकाले गए नगद रुपए में से ये आरोपी अपना 10 प्रतिशत का कमीशन काटकर बाकी नकदी अपने एक अन्य साथी को दे देते थे, जो दुबई में अपने साथियों तक पहुंचा देता है और दुबई से वे रुपए पाकिस्तान से धमकी देने वाले व्यक्तियों तक पहुंच जाते थे। ये आरोपी तीन महीने से इस तरह वसूली कर रहे थे। वहीं एसीपी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विधायकों को धमकी देने वाले गिरोह से इन आरोपियों का कोई संबंध नहीं है, लेकिन तरीका उसी तरह का अपनाते थे।