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जनभागीदारी से ही मिलेगी प्लास्टिक के प्रयोग से निजात, स्वच्छ होगा वातावरण
एस• के• मित्तल
जींद, जिला में पहली जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, भंडारण व बिक्री पर पूर्णतया रोक होगी। निर्धारित तिथि से पहले जिला में पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से पहुंचने वाले नुकसान के प्रति जनमानस में चेतना जागृत करने व बाजार में व्यापारियों व खुदरा विक्रेताओं को पॉलीथिन के विकल्प अपनाने की जरूरत है। यह बात डीसी डाॅ० मनोज कुमार ने कही। वे आमजन को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। डीसी डाॅ० मनोज कुमार ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण का प्लास्टिक एक बड़ा कारण है।
जींद, जिला में पहली जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, भंडारण व बिक्री पर पूर्णतया रोक होगी। निर्धारित तिथि से पहले जिला में पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से पहुंचने वाले नुकसान के प्रति जनमानस में चेतना जागृत करने व बाजार में व्यापारियों व खुदरा विक्रेताओं को पॉलीथिन के विकल्प अपनाने की जरूरत है। यह बात डीसी डाॅ० मनोज कुमार ने कही। वे आमजन को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। डीसी डाॅ० मनोज कुमार ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण का प्लास्टिक एक बड़ा कारण है।
प्लास्टिक हमारे वातावरण को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। वायु प्रदूषण के साथ- साथ प्लास्टिक से जल व भूमि प्रदूषण भी बड़े पैमाने पर होता है। प्लास्टिक के कारण भूजल रिचार्ज नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कई सालों तक नष्ट नहीं होता है, जिसके कारण सालों तक वातावरण को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। हम सभी को ये बात समझनी होगी कि प्लास्टिक ना केवल वातावरण के लिए बल्कि वन्यजीवों के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने बताया कि आगामी एक जुलाई से प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा। सभी की जागरूकता व सिंगल यूज प्लास्टिक यूज न करने के संकल्प से ही प्रतिबंध सफल होगा। प्लास्टिक का उपयोग छोडऩा यह ना केवल हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी बहुत जरूरी है।
उन्होंने जिला में प्लास्टिक वेस्ट रूल्स का सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारी को देते हुए कहा है कि एसयूपी के इस्तेमाल को रोकने के लिए गंभीरता से कार्य किया जाए। डीसी डाॅ० मनोज कुमार ने जिला के नागरिकों से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और वातावरण का स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सरकार एवं एनजीटी द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। डीसी ने बताया कि सरकार एवं एनजीटी द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 को प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा गया है। इन आदेशों की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने का भी प्रावधान किया गया है। सरकार एवं एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्लास्टिक की मोटाई 120 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम मोटाई वाले प्लास्टिक की चीजों पर प्रतिबंध रहेगा।
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