एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के बीटीएन ओवरसीज में विद्यार्थियों को राज्यस्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्रों की स्थापना के अंतर्गत परीक्षा तनाव प्रबंधन की तकनीकों पर मनोवैज्ञानिक चर्चा एवं मानसिक स्वास्थ्य में सुधार विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेनीनार में बतौर ट्रेनर मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने शिरकत की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की अध्यक्षा मोनिका खर्ब ने की। किशारों को संबोधित करते हुए अनिल मलिक ने कहा कि परीक्षा तो पल-पल है। परीक्षा के मैदान में बिना घबराएं और सहमें उतरना होगा। बस एक सशक्त कदम बढ़ाने की आवश्यकता है, ये समझों की मंजिल आपके नजदीक खड़ी है। उन्होंने कहा कि परीक्षा तनाव प्रबंधन की सबसे बेहतर तकनीक है। समय रहते तैयारी करना, परीक्षा का अभ्यास करते रहना, परीक्षण के प्रारूप को सही से समझना, समय का बेहतर प्रबंधन, तनाव की सही वजह को जानकर किसी नकारात्मक विचार को दिमाग पर हावी होने देने से बचना ही सही परिक्षार्थी के गुण हैं।
तनाव प्रबंधन के बेहतर उपाय यथार्थवादी बने, विषयों की समझ के लिए दूसरों की मदद ले, पर्याप्त नींद, बेहतर समय प्रबंधन, आत्मपुष्टि का अभ्यास, नकारात्मक वातावरण से बचाव, खुद के लिए समय निकालना, शारीरिक व्यायाम, पौष्टिक आहार, सकारात्मक वातावरण में सहायक चीजों का ध्यान रखना, मनपसंद संगीत सुनना है। संस्थान की निदेशक मोनिका खर्ब ने कहा कि मनोवैज्ञानिक तौर तरीकों से इंसान को व्यवहारिक सकारात्मकता निर्मित करने में सहायता मिलती है। इस तरह के कार्यक्रमों से किशोर युवाओं में उर्जा का संचार होता है।
परामर्शदाता नीरज कुमार ने कहा कि युवा सोच सर्जनात्मक, निराली, सकारात्मक, सशक्त और ऊर्जानिमित्त होनी चाहिए। समय की प्रतिबद्धता काम के प्रति जुनून और मन का दृढ़ इरादा भविष्य की सशक्त राह निर्मित करने में सहायक बिंदु सिद्ध हो सकते हैं। इस अवसर पर अरुण खर्ब, अनिल खर्ब, प्रदीप शर्मा व सोनिया विशेष रूप से मौजूद थीं।