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एस• के• मित्तल
सफीदों, गांव कुरड़ स्थित गुरू गौरखनाथ आश्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए भक्त हरिराम ने कहा कि प्रार्थना से बढ़कर शक्तिशाली, गतिशील और कोई चीज हो ही नहीं सकती। हृदय से उठकर होंठ तक आए उससे पहले ही जो भगवान तक पहुंच जाए उसका नाम है प्रार्थना।
सफीदों, गांव कुरड़ स्थित गुरू गौरखनाथ आश्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए भक्त हरिराम ने कहा कि प्रार्थना से बढ़कर शक्तिशाली, गतिशील और कोई चीज हो ही नहीं सकती। हृदय से उठकर होंठ तक आए उससे पहले ही जो भगवान तक पहुंच जाए उसका नाम है प्रार्थना।
परमात्मा की भक्ति करने के लिए अच्छे मन की जरूरत होती है। यदि न सुनना हो तो चाहे चिल्ला-चिल्ला कर बोल लो तो भी वह नहीं सुनता है और अगर सुनना हो तो चींटी की पदचाप भी वह सुन लिया करता है। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अगर कोई है तो वह है ईश्वर की प्रार्थना। किसी काम की शुरुआत में ही जिसने ईश्वर को अपना मान लिया उसका काम अवश्य फलीभूत होता है।
आज ही से अपने घर पर नित्य प्रार्थना की आदत डालो। उन्होंने कहा कि जो सुख सत्संग में है वह बैकुंठ में नहीं है। सत्संग में शामिल सभी लोगों के ह्रदय में भक्ति का भाव रहता है। सत्संग और प्रवचन में काफी अंतर होता है। प्रवचन कोई भी दे सकता है जबकि जिसने अपने जीवन में प्रवचन को उतार ले वहीं सत्संग होता है। अगर हरि की कृपा होती है तो अच्छे सत्संग सुनने का मौका मिलता है।
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