एस• के• मित्तल
जीन्द: स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ ने जिला में स्वास्थ्य सेवायें सुचारू रूप से चलाने के लिए उप मुख्यमन्त्री दुष्यन्त चौटाला सहित जिला के सभी विधायको व सांसदों को पत्र लिखकर पहले से स्वीकृत स्वास्थ्य केन्द्रों पर एमपीएचडब्लयू व स्वास्थ्य सुपरवाईजरों के नये पद स्वीकृत करवाने की मांग की है। आज यहा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राममेहर वर्मा, वित सचिव रणधीर चहल व उपप्रधान विनोद कुमारी ने बताया कि जिला में सरकार द्वारा वर्षों पहले स्वीकृत किए गए 36 उप स्वास्थ्य केन्द्र में आज तक एमपीएचडब्लयू के पद स्वीकृत नहीं किये गये है। जिन उप स्वास्थ्य केन्द्र पर एमपीएचडब्लू के पद स्वीकृत नहीं उनमें से 18 उप स्वास्थ्य केन्द्र केवल उप मुख्यमन्त्री दुष्यन्त चौटाला के विधानसभा उचाना के अन्तर्गत आते है। इसी प्रकार सफीदो विधानसभा में 7, जुलाना विधानसभा में 4, नरवाना विधानसभा में 4 और जीन्द विधानसभा के 3 उप स्वास्थ्य केन्द्रो पर पद स्वीकृत नहीं है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार अलेवा डुमरखा खुर्द में 3 अर्बन पीएचसी में स्वास्थ्य सुपरवाईजरो के पद भी अभी तक स्वीकृत न होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरित प्रभाव पढ़ रहा है। कोरोनाकाल में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को मद्देनजर रखते हुए संघ ने प्रदेश के उप मुख्य मन्त्री व उचाना के विधायक दुष्यन्त चौटाला जीन्द के विधायक डा. कृष्ण मिढढा, जुलाना के विधायक अमरजीत ढांडा, नरवाना के विधायक रामनिवास सुरजा खेडा व सफीदो के विधायक सुभाष गांगोली सहित तीन लोकसभा सांसदों को पत्र लिखकर जिला में पहले से संचालित इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर पद स्वीकृत करवाने के अलावा जीन्द शहर में सरकार के नोरम अनुसार 22 महिला एमपीएचडब्लू 18 पुरूष एमपीएचडब्लयू तथा 4 स्वास्थ्य सुपरवाईजर के नये पद स्वीकृत करवाने की मांग की है ताकि जनता को उनके घर द्वार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि जिला में सरकार के नोरम अनुसार 214 उप स्वास्थ्य केन्द्र की आवश्यकता के विपरित अभी तक केवल 183 उप स्वास्थ्य केन्द्र है, जिनमे से भी 36 उप स्वास्थ्य केन्द्र पर तो पुरुष एमपीएचडब्लयू के पद ही स्वीकृत नहीं है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि इसी प्रकार जीन्द शहर की सवा दो लाख से ज्यादा की आबादी में स्वास्थ्य सेवाये प्रदान करने के लिए मात्र 2 महिला एमपीएचडब्लयू व 6 पुरुष एमपीएचडब्लयू तथा दो स्वास्थ्य सुपरवाईजर के नियमित पद स्वीकृत है।
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जबकि सरकार के नोरम अनुसार 24 महिला एमपीएचडब्लयू व 24 पुरुष एमपीएचडब्लयू तथा स्वास्थ्य सुपरवाईजर के नियमित पदों की आवश्यकता है। गौरतलब है कि इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर पदों को स्वीकृत करवाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा पिछले चार साल मे 38 बार महानिदेशालय को पत्र लिखे जा चुके परन्तु स्वास्थ्य विभाग की योजना शाखा उक्त पत्रों को है दबाकर पहले से स्वीकृत पदो को ही समाप्त करने पर तुली हुई है। स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ के नेताओ ने बताया कि यदि पहले से स्वीकृत स्वास्थ्य केन्द्रो पर पद स्वीकृत करने की मांग को पूर्ण करने व नये नोरम के नाम पर पदो को समाप्त करने के निर्णय को वापिस नहीं लिया गया तो स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ जन आन्दोलन करेगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह पिछले दो साल से जिला में कोरोना के मामले आ रहे है और मरीजो को होम आईसोलेट करके उनको घर द्वार पर दवाई आदि उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पडऩे पर कर्मचारियों की भारी कमी महसूस हो रही है, उसके मध्यनजर आने वाले समय मे यदि सरकार द्वारा कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई तो स्वास्थ्य सेवाओं पर और ज्यादा विपरित प्रभाव पड़ेगा।