पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के पिता का निधन: बेटी के हत्यारों को उम्रकैद दिलाने के दो हफ्ते बाद ली आखिरी सांस, 15 साल लड़ी कानूनी लड़ाई

पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के पिता का निधन: बेटी के हत्यारों को उम्रकैद दिलाने के दो हफ्ते बाद ली आखिरी सांस, 15 साल लड़ी कानूनी लड़ाई

बेटी सौम्या के 41वें जन्मदिन से एक दिन पहले ही उनके पिता का निधन हुआ।

टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर 2008 की हत्या कर दी गई थी। 15 साल तक सौम्या के पिता एमके विश्वनाथन ने बेटी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। 25 नवंबर 2023 को दिल्ली की कोर्ट ने दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई।सरकार की योजनाओं का प्रत्येक व्यक्ति को मिल रहा है सीधा लाभ: विजयपाल सिंह

 

बेटी को इंसाफ दिलाने के 2 हफ्ते बाद 82 साल के एमके विश्वनाथन का निधन हो गया। उन्होंने शनिवार 9 दिसंबर को आखिरी सांस ली। बेटी सौम्या के 41वें जन्मदिन से एक दिन पहले ही उनका निधन हुआ।

ऑफिस से घर लौटते समय मारी गई थी गोली
25 साल की सौम्या विश्वनाथन हेडलाइंस टुडे की पत्रकार थीं। 30 सितंबर 2008 की सुबह जब वे अपनी कार से ऑफिस से घर आ रही थीं, तो दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि हत्या के पीछे का मकसद लूटपाट था। हत्या के पांचों दोषी मार्च 2009 से हिरासत में हैं।

ये सौम्या के माता-पिता की तस्वीर है। केरल के रहने वाले विश्वनाथन और माधवी की इकलौती संतान थीं।

ये सौम्या के माता-पिता की तस्वीर है। केरल के रहने वाले विश्वनाथन और माधवी की इकलौती संतान थीं।

अदालत ने 18 अक्टूबर को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को IPC की धारा 302 (हत्या) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दोषी ठहराया था। अजय सेठी को IPC की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और मकोका के तहत अपराध को बढ़ावा देने, मदद करने और साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया था।अक्षत कलश पूजन तथा श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम भव्य बनाने का लिया संकल्प

इस मामले में आरोप लगाया गया कि रवि कपूर ने सौम्या की कार को लूटने के लिए उनका पीछा किया और इसी दौरान देसी पिस्तौल से उन्हें गोली मार दी। कपूर के साथ अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक भी थे। पांचवें आरोपी अजय सेठी उर्फ चाचा से पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल कार भी बरामद की थी।

जिगिशा घोष मर्डर केस से मिला था पुलिस को सुराग
28 साल की जिगिशा घोष नोएडा में एक बीपीओ हैविट एसोसिएट में ऑपरेशनल मैनेजर थीं। 18 मार्च 2009 को जिगिशा का ऑफिस से लौटते वक्त सुबह 4 बजे बसंत विहार एरिया में उनके घर के बाहर से ही किडनैप कर लिया गया था। ऑफिस कैब ने जिगिशा को वहां छोड़ा था। इसके बाद आरोपियों ने जिगिशा के एटीएम और क्रेडिट कार्ड का यूज करते हुए सरोजनी नगर मार्केट से खरीदारी की।

18 मार्च को किडनैप हुईं जिगिशा घोष की बॉडी 21 मार्च को सूरजकुंड के पास रिकवर की गई थी। सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों का सुराग जिगिशा मर्डर केस की जांच के दौरान ही हाथ लगा था। जांच के दौरान इन दोनों मर्डर के पीछे गाड़ियां चुराने वाली एक गैंग का हाथ सामने आया था। आरोपी रवि कपूर इस गैंग का सरगना था।

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