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एस• के• मित्तल
जींद, डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं और उनकी शिक्षा से लेकर पालन पोषण, नौकरी व शादी तक का खर्च सरकार वहन करती है। डीसी नरेश नरवाल ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार बाल गृह में आने वाले सभी निराश्रित और अनाथ बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण से लेकर नौकरी व शादी तक का खर्च वहन कर रही है। योजना के अनुसार 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद ऐसे युवाओं को सरकार सीधे एक्सग्रेशिया पॉलिसी में कवर करके ग्रूप-सी और ग्रूप-डी की नौकरी दी जाने का प्रयास किया जाता है। राज्य सरकार ऐसे बच्चों को मुफ्त स्कूली शिक्षा, उच्च और तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण बिल्कुल मुफ्त में देती है।
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सरकार ऐसे बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक अथवा विवाह से पहले तक 2500 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि भी देती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत वन टाइम ब्याज मुक्त श्रण हरियाणा में घर बनाने के लिए लाभार्थी की शादी के समय दिया जाता है। पांच वर्ष की आयु से पहले परित्यक्त या एक वर्ष की आयु से पहले आत्म समर्पित राज्य के बाल देखभाल संस्थानों में दाखिल और जो बाल देखभाल संस्थानों में रहते हुए 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, ऐसे 25 वर्ष की आयु के परित्यक्त और आत्मसमर्पित बच्चे अनुकंपा आधार पर ग्रूप सी एवं डी में रोजगार प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए मूल शैक्षणिक योग्यता पूरी होनी जरूरी है। इसी प्रकार वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का दर्जा प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। लाभार्थी केवल एक बार ही अनुकंपा आधार पर रोजगार के तहत रोजगार और ईडब्ल्यूएस के दर्जे का लाभ उठा सकता है।
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