खुद पराली से भरी बुग्गी खिंचकर गांव दर गांव नशे के खिलाफ अलख जगा रहा है रविंद्र उर्फ रावण
रविंद्र की प्रयासों की हर कोई कर रहा है मुक्तकंठ से प्रशंसा
पहले हरियाणा, फिर पंजाब और उसके बाद यूपी व दिल्ली बुग्गी खिंचकर जाएगा रविंद्र
सफीदों, (एस• के• मित्तल) : आमतौर पर गांवों में बुग्गी के अंदर झोटे या बैल जुड़े हुए देखे होंगे लेकिन सफीदों विधानसभा क्षेत्र के गांव ऐंचरा कलां का रविंद्र उर्फ रावण खुद को बुग्गी को जोड़कर उसे खींचकर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस बुग्गी यात्रा के माध्यम से वह समाज को नशामुुक्त बनाने का संदेश दे रहा है। रविंद्र उर्फ रावण की बुग्गी पीछे से खाली नहीं होती बल्कि उसमें कई किवंटल पराली भरी होती है। कई बार तो रविंद्र बुग्गी में बच्चों व लोगों तक को बैठा लेता है। इतने वजन के बावजूद भी वह बुग्गी को सहजता से खिंचकर ले जाता है। रविंद्र के इस कारनामे को देखकर हर कोई दंग रह जाता है। रविंद्र की बुग्गी यात्रा जिस भी गांव से गुजरती है, वहां के लोग उसका भव्य स्वागत करते हैं और बड़े-बुजुर्ग उसे अपना आशीर्वाद व दुलार प्रदान करते हैं। इसके साथ कोई उसे दूध पिलाता है, कोई घी खिलाता है तो कोई उसे खाना खिलाता है। हर कोई रविंद्र के प्रयासों की मुक्तकंठ से प्रशंसा कर रहा है और लोग उससे प्रेरित भी हो रहे हैं। बता दें कि रविंद्र उर्फ रावण पहलवान भी हैं और सूबे के पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य के सुरक्षा गार्ड का कार्य करते हैं। बुग्गी यात्रा निकाल रहे रविंद्र ने बताया कि वह नशामुक्त हरियाणा की परिकल्पना के साथ इस बुग्गी यात्रा को निकाल रहे हैं। प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी एक अच्छी सोच वाले मुख्यमंत्री हैं और प्रदेश युवाओं को नशामुक्त करने के लिए बेहद अच्छा कार्य कर रहे है। सरकार के द्वारा नशामुक्ति के लिए अनेक प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम की चलाए जा रहे हैं।
सरकार की सोच के अनुरूप वे इस बुग्गी यात्रा के माध्यम से नशे के खिलाफ जागरूकता फैला रहे हैं। उनकी सोच है कि हरियाणा नशामुक्त हो और यहां के युवा प्रोटीन के डिब्बे खाने की बजाए दूध-दही के साथ-साथ देसी खुराक खाएं। वे जो बुग्गी में इतना भारी वजन खींच रहे हैं, उसके पीछे का कारण देसी खुराक है। उन्होंने अपनी 42 साल की उम्र में केवल दूध-दही व देसी खुराक ही खाई है। रावण ने बताया कि वह अभी तक गोहाना, मुडलाना, इसराना, नारा, मडलौड़ा, सफीदों, परड़ाना, खलीला, डराना, बाडौठी, जागसी, गंगाना व बिटाना सहित अनेक गांवों में घुम चुका है। वह धीरे-धीरे इस बुग्गी को खींचकर पूरे हरियाणा में जाकर नशे के खिलाफ अलख जगाएंगे। उसके बाद वे पंजाब, उत्तरप्रदेश, हिमाचल व दिल्ली में भी बुग्गी यात्रा निकालकर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि नशे में पड़कर युवा पथभ्रष्ट हो रहे हैं तथा परिवार के परिवार तबाह हो रहे हैं। इस दृश्य के देखकर उनके मन में टिस हुई और उन्होंने यह बुग्गी यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। उसकी बुग्गी यात्रा के माध्यम से प्रेरणा लेकर काफी युवा नशे को छोड़ चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि सरकार व प्रशासन की ओर से उन्हे कोई सहयोग प्राप्त हुआ है या नहीं, इस पर रविंद्र कहते हैं कि वे किसी प्रकार का सहयोग प्राप्त इत्यादि के लिए यह यात्रा नहीं निकाल रहे बल्कि लोगों को नशे से दूर करने के लिए यह बुग्गी यात्रा निकाल रहे हैं। उन्हे किसी सहयोग की नहीं बल्कि मान-सम्मान की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी बुग्गी यात्रा में कोई अड़चन आती है तो उसकी जिम्म्मेवारी सरकार की होगी।
क्या कहते हैं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य
सूबे के पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने बताया कि रविंद्र उर्फ रावण पिछले काफी समय से उनकी सुरक्षा में काम करता है। उनके पिता रिटायर्ड मिल्ट्रीमैन हैं। इनका पूरा परिवार नशे के खिलाफ है तथा देसी खानपान को अपनाया हुआ है। बचन सिंह आर्य ने कहा कि रविंद्र नशे के खिलाफ यह बुग्गी यात्रा निकालकर बेहद अच्छा कार्य कर रहा है। रविंद्र ने इस यात्रा में माध्यम से सफीदों क्षेत्र का नाम पूरे हरियाणा में रोशन किया है। उनकी शुभकामनाएं व सहयोग सदैव उसके साथ है। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें नशे से दूर रहना होगा। नशा एक ऐसी चीज है जो हमारे परिवार व सपनों को तो खत्म करता ही है साथ ही साथ हमें अंदर से खोखला भी बनाता है। आज का युवा अपने मकसद से सिर्फ इसलिए भटक रहा है क्योंकि वह नशे की गिरफ्त में जा रहा है। यह एक गंभीर समस्या है। युवाओं को नशे से दूर रहकर समाज के नवनिर्माण में अपना सहयोग देना चाहिए।
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महाकुंभ का दिखा असर । छोटी उम्र में बनी महंत। सफीदों क्षेत्र के लिए गर्व की बात । देखिए
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