नए संसद भवन की सुरक्षा में सेंध का मामला: थर्मल इमेजिंग, 360 डिग्री रोटेट CCTV कैमरे और फेस रिकग्निशन सिस्टम, फिर कैसे हो गई चूक

नए संसद भवन की सुरक्षा में सेंध का मामला: थर्मल इमेजिंग, 360 डिग्री रोटेट CCTV कैमरे और फेस रिकग्निशन सिस्टम, फिर कैसे हो गई चूक

नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 मई 2023 को किया था।

संसद हमले की 22वीं बरसी पर नए संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगी। 13 दिसंबर को शीतकालीन सत्र के आठवें दिन दर्शक दीर्घा में मौजूद दो युवक सदन में कूद गए। अपने जूते में छिपाए स्मोक पाउडर को उड़ाया। लोकसभा में पीले रंग का धुआं फैल गया। घबराए हुए सांसदों ने हंगामा करने वालों को पकड़ा, जिन्हें सिक्योरिटी के हवाले कर दिया गया। अब लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मामले की जांच कराए जाने की बात कही है। सभी सांसदों से अलग से मीटिंग कर सुझाव देने के लिए कहा है।

 

अब संसद की सुरक्षा में चूक के इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्षी सांसद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। हाई सिक्योरिटी से लैस नई संसद में युवक पाउडर लेकर कैसे पहुंच गए। क्या उनकी चैकिंग नहीं की गई थी। इस सवालों के उठने का कारण यह है कि संसद में कई सारी सिक्योरिटी लेयर मौजूद हैं। एआई तकनीक, फेस रिकग्निशन, एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम एक्टिव है। ऐसे में इस तरह की घटना ने संसद की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।एडिटर-7: शुरू हो चुका है स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ा न्यूज़ पेपर मेकिंग कॉम्पिटिशन, आज ही भाग लीजिए

28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए संसद भवन में एडवांस सीसीटीवी कैमरे, थर्मल इमेजिंग सिस्टम, सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सेंटर, एडवांस टेक्नोलॉजी, आधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा बल, हाईलेवल अग्नि शमन प्रणाली संसद में मौजूद है। नए संसद भवन के बनने के दौरान संसद के सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने कई देशों का भी दौरा किया था। इसमें जाना था कि किसी भी आतंकी हमले या साइबर हमले से निपटने के लिए कौन सा सिस्टम बेहतर है। इस सभी को आधार बनाते हुए संसद की सिक्योरिटी प्लान की गई थी।

संसद की सुरक्षा में पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (PDG) के जवान तैनात हैं।

संसद की सुरक्षा में पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (PDG) के जवान तैनात हैं।

थर्मल इमेजिंग, 360 डिग्री रोटेट सीसीटीवी और फेस रिकग्निशन सिस्टम
यह भी सामने आया था कि संसद की नई इमारत में थर्मल इमेजिंग सिस्टम मौजूद है, जो संसद भवन परिसर में किसी भी तरह की घुसपैठ का आसानी से पता लगा सकता है। संसद भवन परिसर की निगरानी के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम से लैस एडवांस सीसीटीवी कैमरा मौजूद हैं, जो 360 डिग्री घूमकर हर मूवमेंट पर नजर रखते हैं। संसद की सुरक्षा में मौजूद सिक्योरिटी के पास आधुनिक हथियार और उपकरण हैं।

साइबर अटैक से बचने के लिए नए संसद भवन में साइबर सुरक्षा के लिए दो अलग-अलग सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सेंटर बनाए जाने की बात कही गई थी। संसद भवन परिसर में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को रोकने के लिए नए आई कार्ड से लेकर कई स्तर के सुरक्षा इंतजाम मौजूद हैं। इनमें बैरियर्स, चौकियों पर मौजूद आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षा बल शामिल हैं।

संसद में एक साथ बैठ सकते हैं 1272 से ज्यादा सांसद
पुरानी संसद का आकार गोल है, जबकि नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है। अभी लोकसभा में 590 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और यहां की विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकते हैं।

लोकसभा में इतनी जगह है कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं। संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है। कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।एडिटर-7: शुरू हो चुका है स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ा न्यूज़ पेपर मेकिंग कॉम्पिटिशन, आज ही भाग लीजिए

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