देसी कपास की खेती, लागत कम मुनाफा ज्यादा

बाजार में मिलता है अधिक भाव, सरकार भी दे रही तीन हजार रुपए अनुदान

खेती के दौरान पड़ती है कम पानी की जरूरत: उपायुक्त डाॅ० मनोज कुमार

एस• के• मित्तल     
जींद,       देसी कपास की खेती को अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। इसकी खेती के दौरान बहुत कम पानी की जरूरत पड़ती है और बाजार में देसी कपास का भाव सामान्य कपास के मुकाबले अधिक रहता है। हरियाणा सरकार की ओर से भी देसी कपास की खेती करने वाले किसान को प्रति एकड़ तीन हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। यह जानकारी उपायुक्त डाॅ० मनोज कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि देसी कपास एक ऐसी किस्म है जिसको उगाकर किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती के दौरान फसल को काफी कम पानी की जरूरत होती है जिससे किसान का खर्च भी कम होता है। यही नहीं बाजार में इस देसी कपास की कीमत सामान्य किस्म से काफी अधिक रहती है। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से भी देसी कपास की खेती को अपनाने वाले किसान को प्रति एकड़ के हिसाब से तीन हजार रुपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। ऐसे में किसान देसी कपास को अपनाकर दोगुना फायदा उठा सकते हैं।
उपायुक्त डाॅ० मनोज कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण और खेती में किसानों की लागत को कम करने के उद्देश्य से देसी कपास की फसल बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। योजना के लिए आगामी 31 मई तक आवेदन किया जा सकता है। योजना का लाभ लेने वाले किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। इस योजना से न केवल फसल विविधता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि फसल में कीटों से होने वाले नुकसान की भी कम संभावना होगी।
साथ ही इससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट एग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटआईएन का प्रयोग किया जा सकता है या फिर विभाग के टोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क भी किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!