दवाओं से नहीं, प्राकृतिक जीवन शैली से संभव है स्थाई उपचार

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एस• के• मित्तल 
सफीदों,         सफीदों के फ्यूजऩ होटल परिसर में हरियाणा के लोकतंत्र सेनानी रामगोपाल अग्रवाल व समाजसेवी लाला रामेश्वर दास गुप्ता द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा सेवा के लिए दूसरे शिविर आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के डॉक्टरों की 3 सदस्यीय टीम ने दो सौ से अधिक रोगियों को सेवा दी। ऐसा पहला शिविर गांव बहादुरगढ़ में आयोजित किया गया था।
गुजरात के नाड़ी वैद्य डॉक्टर मूलजी भलाणी, अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सक संगठन के गुजरात समन्वयक डायटीशियन डॉक्टर चिंतन त्रिवेदी व डायटीशियन लीना त्रिवेदी ने 200 रोगियों की जांचकर उन्हें केवल जड़ी बूटियों की सब्सक्रिप्शन दी और रोग अनुसार खानपान के मशवरे के साथ प्राकृतिक जीवन शैली अपनाने पर जोर दिया। इस टीम के डॉक्टरों का कहना था कि किसी भी रोग के लिए कोई भी दवा स्थाई उपचार नहीं दे सकती क्योंकि दवा अस्थाई रूप से राहत तो दे सकती है लेकिन जिस गलत खानपान के कारण रोग हुआ वही चालू रहा तो व्यक्ति स्थाई रूप से रोगमुक्त नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि स्थाई रूप से रोग मुक्त होने के लिए प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाना जरूरी है जिसमें व्यक्ति प्रकृति के प्रति समर्पित होते हुए प्राकृतिक खाद्य एवं पेय वस्तुओं का इस्तेमाल करके जीवन यापन करें। डायटीशियन लीना त्रिवेदी का कहना था कि सही खानपान व रचनात्मक सोच व्यक्ति को हमेशा स्वस्थ, लंबा जीवन देती है लेकिन आज दुर्भाग्यवश लोग अनावश्यक व्यस्तताओं, व्यसनों व गलत खानपान से ना केवल अनेक तरह के जानलेवा रोगों के शिकार हो रहे हैं बल्कि सामाजिक माहौल को भी प्रदूषित व वैमनस्यपूर्ण बनाते हुए समाज में अनेक तरह की विकृतियां भी पैदा कर रहे हैं।
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