डाक्टर लेंगे एक-एक टीबी मरीज को गोद गोद लेकर मरीज को देंगे पोष्टिक आहार की कीट व उपचार

मरीज के पास सहायता के लिए होगा डाक्टर का मोबाइल नंबर

एस• के • मित्तल     
सफीदों,          स्वास्थ्य सेवाओं में लगे डाक्टर अब एक-एक टीबी मरीज को गोद लेंगे। मरीज को गोद लेकर डाक्टर उन्हे पोष्टिक भोजन की कीट व इलाज मुहैया करवाएंगे। इय संबंध में उप सिविल सर्जन (टीबी) जींद ने प्रधान चिकित्सा अधिकारी जीन्द, प्रवर चिकित्सा अधिकारी एसडीएच/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नरवाना, सफीदों, कालवा, कंडेला, खरक रामजी, जुलाना, उचाना, उझाना, अलेवा व मुवाना को पत्र लिखकर कहा है कि भारत सरकार के टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत सभी स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा एक-एक टी.बी. के मरीज को सामुदायिक सहायता के लिए टीबी मरीजों को चिन्हित करके उन्हे गोद ले और उन्हे समय पर आवश्यक इलाज व सहायता उपलब्ध करवाएं।
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क्या है गोद लेने की योजना
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत हर डाक्टर को एक टीबी मरीज गोद लेना होगा। गोद लेकर डाक्टर उसे उपचार देगा तथा उसे अपनी ओर से एक पोष्टिक आहार की किट प्रदान करेगा। उस कीट में चना, गुड, चना दाल, आटा, मस्टर्ड ऑयल, सोयाबिन तथा अंडे शमिल होंगे ताकि मरीज उसे खाकर तंदरूस्त रह सके। इसके अलावा डाक्टर सरकार द्वारा जारी टीबी की दवाई मरीज को समय पर देगा तथा उसकी लगातार मॉनिटिरिंग करेगा। सबसे अहम बात यह है कि मरीज के पास अपने डाक्टर का मोबाइल रहेगा। ताकि वह दिक्कत की स्थिति में वह डाक्टर से संपर्क कर सके। मरीज का फोन आने के बाद डाक्टर भी मरीज को तत्काल सहायता मुहैया करवाएगा।

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क्या कहते है स्वास्थ्य अधिकारी
इस मामले में नागरिक अस्पताल सफीदों के स्वास्थ्य अधिकारी डा. विकास गुप्ता ने कहा कि उन्हे विभाग की ओर से एक-एक टीबी मरीज को गोद लेने के निर्देश मिले हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा एक विशेष अभियान के तहत टीबी के सक्रिय केसों की पहचान की जा रही है ताकि टीबी के मरीजों की पहचान करके उनका ईलाज किया जा सके और वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा मरीजों को गोद लेकर उन्हे पोष्टिक आहार की किट व इलाज प्रदान किया जाएगा। वे अपने-अपने गोद लिए टीबी मरीज की सेवा में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने बताया कि टीबी का पूर्ण ईलाज संभव है तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त ईलाज की सुविधा है। इसके अलावा सरकार की ओर से टीबी मरीज को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।

कि भारत सरकार के टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत सभी स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा एक-एक टी.बी. के मरीज को सामुदायिक सहायता के लिए टीबी मरीजों को चिन्हित करके उन्हे गोद ले और उन्हे समय पर आवश्यक इलाज व सहायता उपलब्ध करवाएं।

क्या है गोद लेने की योजना
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत हर डाक्टर को एक टीबी मरीज गोद लेना होगा। गोद लेकर डाक्टर उसे उपचार देगा तथा उसे अपनी ओर से एक पोष्टिक आहार की किट प्रदान करेगा। उस कीट में चना, गुड, चना दाल, आटा, मस्टर्ड ऑयल, सोयाबिन तथा अंडे शमिल होंगे ताकि मरीज उसे खाकर तंदरूस्त रह सके। इसके अलावा डाक्टर सरकार द्वारा जारी टीबी की दवाई मरीज को समय पर देगा तथा उसकी लगातार मॉनिटिरिंग करेगा। सबसे अहम बात यह है कि मरीज के पास अपने डाक्टर का मोबाइल रहेगा। ताकि वह दिक्कत की स्थिति में वह डाक्टर से संपर्क कर सके। मरीज का फोन आने के बाद डाक्टर भी मरीज को तत्काल सहायता मुहैया करवाएगा।

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क्या कहते है स्वास्थ्य अधिकारी
इस मामले में नागरिक अस्पताल सफीदों के स्वास्थ्य अधिकारी डा. विकास गुप्ता ने कहा कि उन्हे विभाग की ओर से एक-एक टीबी मरीज को गोद लेने के निर्देश मिले हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा एक विशेष अभियान के तहत टीबी के सक्रिय केसों की पहचान की जा रही है ताकि टीबी के मरीजों की पहचान करके उनका ईलाज किया जा सके और वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा मरीजों को गोद लेकर उन्हे पोष्टिक आहार की किट व इलाज प्रदान किया जाएगा। वे अपने-अपने गोद लिए टीबी मरीज की सेवा में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने बताया कि टीबी का पूर्ण ईलाज संभव है तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त ईलाज की सुविधा है। इसके अलावा सरकार की ओर से टीबी मरीज को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।

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