उचाना में धरने पर बैठे किसान।
हरियाणा के जींद में खटकड़ टोल प्लाजा पर नेशनल हाइवे जाम करने के पुराने मामले में पीओ घोषित किए 8 किसानों द्वारा सरेंडर किए जाने के बाद अब उनकी रिहाई के लिए आवाज उठने लगी है। बुधवार को किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने आपात बैठक की और किसानों पर दर्ज मुकदमें रद्द कर उन्हें रिहा करने की मांग की। किसानों ने तहसील परिसर के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
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संयुक्त किसान मोर्चा के आजाद पालवां, सिक्किम सफाखेड़ी समेत दूसरे किसान नेताओं ने कहा कि जिन किसानों ने अपनी गिरफ्तारी दी थी, उन्हें रिहा किया जाए और उन पर दर्ज सभी मुकदमे खारिज किए जाएं। उचाना सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए। तहसील कार्यालय में स्थायी तहसीलदार की नियुक्ति की जाए।
उचाना में सरकारी कॉलेज बनवाया जाए, बरसाती पानी से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए। नरवाना ब्रांच नहर के ढाकल हेड से माइनर निकाली जाए। गुरुकुल खेड़ा में महिला गुरुकुल को महाविद्यालय बनाया जाए। किसान सम्मान निधि पैसा किसानों के खाते में डाला जाए।
धरना देते हुए किसान।
खेड़ा खाप प्रधान समेत 16 किसान पीओ
कोर्ट के आदेशों की अवमानना करने पर एसडीजेएम कोर्ट नरवाना ने खटकड़ टोल प्लाजा कमेटी व खेड़ा खाप के प्रधान समेत 16 किसानों को पीओ घोषित कर दिया है। 3 अप्रैल 2022 को फसल खराबा मुआवजा की मांग को लेकर किसानों ने खटकड़ टोल के पास जीद-पटियाला हाईवे बाधित कर दिया था।
इस पर उचाना थाना पुलिस ने खटकड टोल प्लाजा तथा खेडा खाप के प्रधान गांव बरसोला निवासी सतबीर पहलवान, गांव सफा खेडी निवासी कृष्ण, गांव करसिधु निवासी मेवा सिंह, बड़ौदा निवासी संदीप चहल, पालवां निवासी जगीर सिंह, शाहपुर निवासी नारायण दत्त, चांदपुर निवासी सुशील, खरक रामजी निवासी कविता समेत कुछ अन्य के खिलाफ नेशनल हाईवे बाधित करने समेत विभिन्न धाराओ के तहत मामला दर्ज किया था।
ये मामला कोर्ट मे विचाराधीन था। 4 मई को मामले मे पेशी थी। जिस पर नामजद लोग कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट आदेशों के बाद भी नामजद लोग कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिस पर इन्हें पीओ घोषित किया गया था।