जम्मू-कश्मीर का एक और संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत बैन: शाह बोले- UAPA के तहत कार्रवाई; 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग मसरत ग्रुप बैन किया था
गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत बैन कर दिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर (रविवार) को जम्मू-कश्मीर की एक और संस्था तहरीक-ए-हुर्रियत को गैर कानूनी संगठन घोषित कर दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने वाली गतिविधियों में शामिल है।आर्य समाज का आजादी की लड़ाई में विशेष योगदान रहा: स्वामी धर्मदेव आर्य समाज का मासिक वैदिक सत्संग संपन्न
संगठन भारत विरोधी दुष्प्रचार फैला रहा है और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी गतिविधियों में लिप्त है।
अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- पीएम मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत बैन कर दिया जाएगा।
भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन के बारे में जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा फैला रहा है। संगठन से जुड़े लोग आतंकियों की मौत पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही पत्थरबाजी की घटनाओं को भी बढ़ावा देते हैं। इस संगठन के लोग कश्मीर को भारत से अलग मानते हैं और देश की कानून व्यवस्था का पालन नहीं करते।
शाह गिलानी ने 2004 में संगठन बनाया था
सैयद अली शाह गिलानी ने साल 2004 में जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ दी थी, जिसके बाद 7 अगस्त 2004 को उसने तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन की स्थापना की। यह एक अलगाववादी संगठन है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की कथित आजादी के लिए आंदोलन करना है।
सरकार ने 4 दिनों में दूसरे ग्रुप पर बैन लगायानेवी ने अरब सागर में बढ़ाई निगरानी: 3 वॉरशिप तैनात किए, 23 दिसंबर को भारत आ रहे जहाज पर हुआ था ड्रोन अटैक
केंद्र सरकार ने 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर मसरत आलम ग्रुप को भी UAPA के तहत गैरकानूनी घोषित कर दिया था। गृहमंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी।
उन्होंने लिखा- देश विरोधी गतिविधियों की वजह से इस संगठन पर UAPA के तहत बैन लगाया गया है। मसरत आलम ग्रुप के सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।
सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून का सामना करना पड़ेगा।
संगठन बनाने वाला जेल में है
मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर संगठन को मसरत आलम भट्ट ने बनाया था। वो 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। 50 साल के मसरत पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग केस में मामला दर्ज किया है। 2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर देश विरोधी प्रदर्शनों में उसकी कथित भूमिका के चलते उसे गिरफ्तार किया गया था। उस पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मामला दर्ज है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आलम के खिलाफ 27 FIR दर्ज हैं। उसके खिलाफ 36 बार PSA के तहत मामला दर्ज किया गया है। मार्च 2015 में, मसरत आलम को रिहा कर दिया गया था, जिससे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के खिलाफ विरोध शुरू हो गया, जो उस समय BJP के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल थी।
ये खबरें भी पढ़ें …
बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा PFI, पिछले साल केंद्र ने 5 साल का प्रतिबंध लगाया था
केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल का बैन लगा दिया था। इसके खिलाफ 20 अक्टूबर को PFI सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई की।
हमास को बैन नहीं करेगा भारत, अरब देशों से रिश्ते बिगड़ने का डर
‘भारत के लिए अब वक्त आ गया है कि वो हमास को आतंकी संगठन घोषित करे’। 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले के बाद यह बात भारत में इजराइली राजदूत नाओर गिलोन ने कही थी। इसके बाद से दुनियाभर में हमास के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है। अमेरिका और जर्मनी हमास को आतंकी संगठन मानते हैं और दोनों देशों ने इस पर बैन लगा दिया हदेश और प्रदेश में तीसरी बार प्रचंड बहुत से बनेगी भाजपा की सरकार: नायब सैनी
.