एस• के• मित्तल
जींद, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लिगल सर्विसिज अर्थोरटी एक्ट 1987 आर्टिकल 22 ए के तहत हरियाणा राज्य में जिला स्तर पर न्यायिक परिसरों में जन उपायोगी सेवाओं से सम्बन्धित स्थाई लोक अदालतों का गठन किया गया है। यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रेखा ने दी।
प्राधिकरण सचिव ने बताया कि जन उपायोगी स्थाई लोक अदालतों में परिवहन, टैलिफोन, पोस्टल, आवास एवं सम्पदा, जन स्वच्छता, चिकित्साल्य, बैकिंग एवं वित्त, इंशोरेंस, विद्युत, जन आपूर्ति सेवा, शिक्षण संस्थान, नए एल पी जी गैस कनैक्षन व रिफिल तथा उससे सम्बन्धित आदि मामले निपटान के लिए रख सकते है।
प्राधिकरण सचिव ने बताया कि सम्बन्धित विवादों का बिना किसी खर्च के गुण दोष के आधार पर शीघ्र निपटारा किया जाता है। इन स्थाई लोक अदालतों में पच्चीस लाख रुपए तक के मूल्याकंन वाले विवादों का निपटारा किया जाता है तथा उक्त न्यायलय का आदेश सिविल न्यायलय की डिग्री के रूप में मान्य होता है। उन्होंने बताया कि जो अभी तक किसी न्यायलय में दायर नहीं किए गए ऐसे मामलों को न्यायलय में दायर किए बिना आपसी सहमति समझौता करवाकर बिना किसी भेदभाव के निपटा सकते है और इसके लिए आपको किसी का प्रकार का खर्च नहीं करना पड़ता।
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ऐसी लोक अदालतों में फैसला करने योग्य फौजदारी मुकदमें जो कि उपरोक्त जन उपायोगी सेवाओं से सम्बन्धित हो जैसे कि चैके के द्वारा पैसाों की अदायगी न होना यदि चैक उपरोक्त किसी भी जन उपायोगी सेवा से सम्बन्धित हो को भी लिए जा सकते है। यह सेवाएं हरियाणा के प्रत्येक जिला न्यायलय में उपलब्ध है अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय या हैल्प लाईन नम्बर 01684-245048 पर सम्पर्क कर सकते है।