ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुनील चौधरी
चंडीगढ़ विजिलेंस ब्यूरो ने ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुनील चौधरी और उसके साथी अशोक नरूला के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने अशोक नरूला को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है, जबकि सुनील चौधरी अभी फरार चल रहा है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
दोनों आरोपी करीब डेढ़ महीना पहले धनास के एक सर्जिकल स्टोर पर गए थे। उस स्टोर का निरीक्षण कर उसमें कई प्रकार की कमियां निकाल दी थीं। इन कमियों के आधार पर स्टोर को सील करने की धमकी दी थी। स्टोर सील न करने के बदले में पीड़ित से रिश्वत मांगी गई थी।
एक लाख रुपए की थी मांग
आरोपियों ने सर्जिकल स्टोर के मालिक से एक लाख रुपए की मांग की थी ,लेकिन कुछ समय बाद वह दोबारा ड्रग कंट्रोल ऑफिसर के सेक्टर 16 स्थित दफ्तर गया था। वहां पर उसने लाख रुपए देने में असमर्थता जताई थी। उसके ऑफिस में आरोपी अशोक नरूला भी बैठा हुआ था। बाद में अशोक नरूला ने 80 हजार रुपए में डील तय की थी।
परेशान होकर विजिलेंस को दी शिकायत
पीड़ित जब आरोपियों को पैसे नहीं दे पाया तो वह उसे काफी परेशान करने लगे। उसकी दुकान को सील करने की बार-बार धमकियां देने लगे। इससे परेशान होकर पीड़ित ने विजिलेंस ब्यूरो को लिखित शिकायत भी थी। शिकायत मिलने विजिलेंस ब्यूरो ट्रैप लगा दिया। जब पीड़ित आरोपी अशोक नरूला को उसके दफ्तर में रिश्वत के पैसे देने सेक्टर-20 गया तो विजिलेंस ब्यूरो उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
बिचौलिए का काम करता है आरोपी
सर्जिकल स्टोर चलाने वाले पीड़ित ने बताया कि अशोक नरूला विभाग में बिचौलिए का काम करता है। चंडीगढ़ में दवा विक्रेताओं को डरा धमकाकर वह वसूली करता है। अगर विभाग में कोई काम करना हो तो उसकी फाइल बनाने और उसे अप्रूव करवाने के नाम पर भी अशोक नरूला लोगों से पैसे लेता है।