एस• के• मित्तल
सफीदों, प्रदेश की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरियाणा सरकार व गौसेवा आयोग पूरे प्रयास कर रहा है। यह बात हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कही। वे पुरानी अनाज मंडी स्थित अपने कैंप आफिस में गौभक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गौशालों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष योजनाएं बनाकर उन्हे अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने इसके विकल्प के तौर पर गाय के गोबर से जैविक खाद बनाने की योजना तैयार की है। हरियाणा गौसेवा आयोग की ओर से पिंजौर स्थित अनुसंधान संस्थान में प्रोम के नाम से खाद तैयार भी कर ली है। अभी लैब में भेजकर इसकी टेस्टिंग कराई जा रही है। इस खाद के मानक प्रमाणित होने पर हरियाणा सरकार प्रमाणिक तौर पर तैयार खाद को किसानों तक पहुंचाएगी। यह जैविक खेती में एक जबरदस्त क्रांति का काम करेगा। अगर हम इस दिशा में कामयाब होते हैं तो निश्चित तौर पर हरियाणा देश में पहला राज्य होगा। यह खाद रासायनिक से सस्ती भी मिलेगी। श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय के गोबर को भी धन माना गया है। हजारों वर्षों से हमारी कृषि गोबर व गोमूत्र पर आधारित रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गोशाला जगमग योजना के अंतर्गत प्रदेश में 330 गोशालाओं में सोलर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए गए हैं तथा शेष गौशालाओं में भी सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना है।
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गौचरांद की भूमि पर गोशाला अथवा नंदी शाला की स्थापना या चारे के लिए भूमि देने हेतु खुली बोली के माध्यम से न्यूनतम पट्टा राशि 1000 रुपये प्रति वर्ष प्रति एकड़ दर से दिए जाने की व्यवस्था की गई है। गौशालाओं में गोबर व गोमूत्र से निर्मित फिनाइल, प्राकृतिक पेंट, दीये, गमले व जैविक खाद एक रोजगार का साधन भी बना है। इससे गोशालाएं एक उद्योग के रूप में उभरेंगी और रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। इस मौके पर समाजसेवी कैलाश गुप्ता, पार्षद अखिल गुप्ता, अग्रवाल वैश्य समाज के प्रधान प्रवीन मित्तल, युवा प्रदेश मीडिया कोर्डिनेटर अमन जैन, विजय मंगला, महाबीर मित्तल, वरूण गोयल व विपिन जैन मौजूद थे।
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