गो एयरलाइंस ने बैगेज गुमा दिया था: अब हर्जाना 25 हजार रुपए भरना होगा; चंडीगढ़ कंज्यूमर कमीशन ने दिया फैसला

चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने एक मामले में गो एयरलाइंस(इंडिया) लिमिटेड को सेवा में कोताही और गलत व्यापारिक गतिविधियों में संलिप्त पाया है। कमीशन ने इसे आदेश दिए कि शिकायतकर्ता को हुई मानसिक पीड़ा और शोषण के रूप में 25 हजार रूपए हर्जाना भरना होग। वहीं अदालती खर्च के रूप में 5 हजार रुपए भी देने को कहा गया है। मामले में शिकायतकर्ता का बैगेज गो एयरलाइंस की कस्टडी से गायब हो गया था। शिकायतकर्ता को 13 किलो सामान(बैगेज) के 2,600 रुपए ऑफर किए गए थे। वहीं शिकायतकर्ता का दावा था कि बैगेज में 1.5 लाख रूपए तक का सामान था।

गो एयरलाइंस ने बैगेज गुमा दिया था: अब हर्जाना 25 हजार रुपए भरना होगा; चंडीगढ़ कंज्यूमर कमीशन ने दिया फैसला

कमीशन ने कहा कि शिकायतकर्ता 1.5 लाख रूपए नुकसान के रूप में मांग रहा है और इसे माना नहीं जा सकता। हालांकि कमीशन ने कहा कि निःसंदेह बैगेज का नुकसान हुआ है और शिकायतकर्ता के मुताबिक इसमें कई अहम दस्तावेज और कीमती चीजें थी।

चंडीगढ़ से अहमदाबाद की फ्लाइट ली थी
अगस्त, 2020 में सेक्टर 50 की प्रोग्रेसिव सोसाइटी के दिलप्रीत सिंह गांधी ने गो एयरलाइंस(इंडिया) लिमिटेड को पार्टी बनाते हुए यह शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता ने चंडीगढ़ से अहमदाबाद के लिए फ्लाइट बुक करवाई थी। बेल्ट से बैगेज प्राप्त करते वक्त उसने देखा कि उसका बैगेज वहां नहीं था। ऐसे में वह एयरपोर्ट स्टाफ के पास पहुंचा जहां उन्होंने आश्वासन दिया। उन्हें एक फॉर्म भरने को कहा गया। एयरपोर्ट स्टाफ को शिकायत देते वक्त भी यह फॉर्म भरा गया था।

लीगल नोटिस भी भेजा था
बैगेज में ब्रांडेड कपड़े और बाकी सामान था जिसकी कीमत 1.5 लाख रूपए के लगभग थी। ऐसे में शिकायतकर्ता को काफी नुकसान हुआ था। मामले की शिकायत/प्रॉपर्टी इरेगुलेरिटी रिपोर्ट गो एयरलाइंस को भी दी गई थी जिन्होंने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिए। शिकायतकर्ता ने वकील के जरिए एक लीगल नोटिस भी गो एयरलाइंस को भेजा था। जिसके बाद सेवा में कोताही और गलत व्यापारिक गतिविधियों के दोष लगा कंज्यूमर शिकायत दायर की गई।

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कहा-बैग के सामान का खुलासा नहीं कर सका
अपने जवाब में गो एयरलाइंस ने कहा कि उनके नियम और शर्तों के मुताबिक सभी प्रकार के विवाद और दावों का निपटारा सिर्फ मुंबई में ही हो सकता है। वहीं कहा कि बैगेज के नुकसान पर एयरलाइंस का दायित्व प्रति किलो 200 रुपए और अधिकतम 4 हजार रुपए ही है। इनमें से जो ज्यादा हो। शिकायतकर्ता को 13 किलो सामान के 2,600 रुपए ऑफर किए गए थे।

वहीं शिकायतकर्ता बैगेज में सामान के रूप में 1.5 लाख रुपए का हर्जाना मांग रहा था। गो एयरलाइंस ने जवाब में आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने बैगेज में रखे सामान का खुलासा नहीं किया था। ऐसे में उनका दायित्व असीमित नहीं है। वह अपनी तरफ से 2,600 रुपए ऑफर कर चुके हैं।

एयरलाइंस से माफी भी मांगी थी
दोनों पक्षों की दलीलें सुन कमीशन ने कहा कि बैगेज गो एयरलाइंस की कस्टडी से गायब हुआ है। 15 जुलाई, 2019 की ईमेल में भी गो एयरलाइंस ने बैगेज गुम होने पर पछतावा करते हुए शिकायतकर्ता के गो एयरलांइस के इस अनुभव के लिए क्षमा मांगी थी। कमीशन ने कहा कि कानून और प्रक्रिया एयरलाइंस और उसके स्टाफ के सही कार्यों का समर्थन कर सकता है। वह उस नुकसान का समर्थन नहीं कर सकते जिसके लिए एयरलाइंस की मैनेजमेंट उत्तरदायी है।

 

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