जींद, डीसी डॉ मनोज कुमार ने कहा कि कोविड महामारी में माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष तक 2500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी। डीसी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि योजना के तहत बाल सेवा संस्थान मेें रहने वाले बच्चों के आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे, जिसमें 18 वर्ष की आयु तक 1500 रुपए जमा करवाने का प्रावधान किया गया है। इन बच्चों को सरकार ने अन्य खर्चो के लिए 12 हजार रुपये वार्षिक देने का निर्णय भी लिया है। किशोरियों के खाते में 51 हजार रुपए जमा किए जाएंगे तथा विवाह के समय ब्याज सहित शगुन दिया जाएगा। बच्चों के माता-पिता अथवा उनमें से किसी एक के कोरोना के कारण निधन होने से जो बच्चे अनाथ हो गए हैं। ऐसे बच्चों के लालन-पालन पर बुरा असर पडना स्वाभाविक है। ऐसे अनाथ बच्चों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सरकार उनकी देखभाल करेगी। सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत यह प्रक्रिया पूरा करने के लिए www.wcdhry.gov.in या www.cdhry.gov.in पर भी आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति महीना, बिना परिवार के बच्चों की देखभाल करने वाले बाल देखभाल संस्थान को 1500 रुपये प्रति बच्चा प्रतिमास 18 वर्ष तक की आयु तक, अन्य पूरा खर्चा बाल देखभाल संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा। इसी प्रकार 18 वर्ष तक पढ़ाई के दौरान प्रतिवर्ष 12000 रुपये अन्य खर्चों के लिए भी सरकार द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 8वीं से 12वीं या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में किसी भी कक्षा में पढऩे वाले बच्चों को टेबलेट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
महिलाओं को आधुनिकता के साथ साथ संस्कार की शिक्षा देते हुए वुमन डे पर क्या कर रहा उड़ान ग्रुप… देखिए लाइव…