कैथल में तेजी से हो रहा है ‘खून की दलाली’, ऊंचे दामों पर बेचकर की जा रही काली कमाई

 

कैथल. क्या कभी आपने भी रक्तदान किया है यदि हां तो आपके लिए यह खबर बहुत जरूरी है, क्योंकि कुछ ब्लड बैंक के संचालकों की इंसानियत इतनी गिर गई है कि चंद पैसों के लालच में लोगों को जीवन दान देने वाले रक्त का ही व्यपार शुरू कर दिया. लोगों द्वारा दान में दिए गए रक्त को मुनाफा कमाने के लिए ऊंची दरों पर बेच कर काली कमाई की जा रही रही थी. इसका खुलासा तब हुआ जब  हरियाणा एफडीए और केंद्र सरकार की संयुक्त टीम ने छापा मारा. छापेमारी के बाद सिविल लाइन थाने में केस दर्ज कर लिया गया है.

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हरियाणा एफडीए और केंद्र सरकार की संयुक्त टीम ने 21 मई को एक गुप्त सूचना के आधार पर जवाहर पार्क के पास “शाह कृष्ण सेवा धाम ब्लड सेंटर” में छापा मारा था. टीम का नेतृत्व रिपन मेहता,एसडीसीओ ने किया, जिसमें सारिका मलिक एसडीसीओ,अमन डीसीओ मेवात एवं संदीप वर्मा डीआई भारत सरकार शामिल रहे. रेड टीम की शिकायत के अनुसार ब्लड सेंटर बिना अनुमति के रक्तदान शिविर का आयोजन कर रहा था. इसमें मेडिकल अधिकारी और अन्य तकनीकी स्टाफ भी मौजूद नहीं होते थे.

6 महीने में बिना अनुमति के कई शिविर लगाए हैं
जांच के दौरान पाया गया कि ब्लड सेंटर ने पिछले 6 महीनों में बिना अनुमति के कई शिविर लगाए हैं. औषधि नियमों और ब्लडीजीएचएस की दिशा निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है. गत 30 मई को कैंप के दौरान 90 रक्त यूनिट्स एकत्रित किए गए. इसमें पर्याप्त स्टाफ भी मौजूद नहीं था. साथ ही विभिन्न उल्लंघनों के चलते ब्लड बैंक के दस्तावेजों को जब्त किया गया और ब्लड सेंटर को आगामी कार्रवाई करने से रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं.

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केस दर्ज कर लिया है तथा जांच में जुट गई है
जांच में पाया गया कि ब्लड बैंक संचालक द्वारा सरकार के निर्धारित दरों से अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं. फ्रैश फ्रोजन प्लाजमा की सरकार द्वारा 400 रुपए प्रति यूनिट दर तय है जबकि ब्लड सेंटर 550 से 650 रुपए प्रति यूनिट तक अधिक रुपए वसूल कर रहा था. ब्लड बैंक फ्रैश प्लाज्मा को मैसर्ज विरचो बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्ज इंटास फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को बेचकर मुनाफाखोरी के धंधे में लिप्त थे जोकि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दंडनीय अपराध है. जिस बीच अब थाना सिविल लाइन पुलिस ने ब्लड संचालक और अन्य दो के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है तथा जांच में जुट गई है.

 दो कंपनियों के प्रतिनिधियों के खिलाफ मामला हुआ दर्ज
सिविल लाइन थाना के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर ओमप्रकाश का कहना है कि कुरुक्षेत्र के ड्रग कंट्रोल इंस्पेक्टर सारिका मलिक ने थाने में कृष्ण शाह ब्लड सेंटर कैथल के अंदर जो कांटेक्ट ब्लड कंपनियों से किया हुआ है उसमें निर्धारित दामों से अधिक दामों पर ब्लड बेचा जा रहा है. उनकी शिकायत पर पुलिस ने ब्लड सेंटर संचालक और अन्य दो कंपनियों के प्रतिनिधियों पर मामला दर्ज कर लिया है.

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मामले में पुलिस जांच हुई शुरू
जांच अधिकारी ने बताया कि सरकार ने 1600/- रु प्रति लीटर रेट निर्धारित किए हुए हैं परंतु ब्लड बैंक संचालक ने 2800/-रु प्रति लीटर आगे कम्पनियों को सप्लाई कर रहे थे. शिकायत अनुसार पुलिस ने अब ब्लड बैंक संचालक और अन्य दो कंपनी संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.अब देखना होगा कि रक्तदान महादान का नारा देने वाले ब्लड बैंक और उसे खरीदने वाली कंपनियों का यह घिनौना खेल केवल कैथल में ही चल रहा था या हरियाणा के अन्य जिलों में भी इसकी भरमार है. यह तो अभी पुलिस की जांच के बाद ही सामने आ पाएगा.

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