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केंद्र सरकार को लग रहा है कि LIC IPO लाने के लिए सही समय के लिए प्रतीक्षा करने का कोई मतलब नहीं है। सरकार अप्रैल महीने के अंत तक, यानी कि ये महीने खत्म होने के पहले ही सरकार LIC IPO लाना चाह रही है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (LIC) का आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) मई के बजाय अप्रैल के अंत में ही लाने के बारे में विचार कर रही है। सरकार का विचार है कि शेयर मार्केट में अस्थिरता कम हो गई है। अब बजार में स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपने पैसे निकाल रहे हैं तो थोड़ा चिंता का विषय है लेकिन यह कभी भी ठीक हो सकता है।
केंद्र सरकार अप्रैल के अंत तक लाना चाहती है LIC IPO
इस मामले में जानकारी रखने वाले वरिष्ट अधिकारी ने बताया कि कुछ समय बाद एक और कोविड लहर हो सकती है। कुछ न कुछ हो रहा होगा इसलिए LIC IPO लाने में हमे देरी नहीं करनी चाहिए। सरकार के द्वारा इसके बारे में अंतिम फैसला जल्द ही ले सकती है। सरकार भी यह मान रही है कि lic ipo को जल्द से जल्द लाना चाहिए।
LIC IPO के साइज को बढ़ा सकती है सरकार
केंद्र सरकार LIC में अपनी और हिस्सेदारी कम करने के बारे में विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार कुल 7.5% हिस्सेदारी कम करने के बारे में विचार कर रही है। हालांकि सेबी को दिए डॉक्युमेंट्स के हिसाब से सरकार LIC में 5% की हिस्सेदारी बेच रही है। अगर सरकार इसे और बढ़ाती है तो LIC में से सरकार की कुल 7.5% हिस्सेदारी कम हो जाएगी।
भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा IPO है LIC
सरकार LIC में 5% हिस्सेदारी बेच रही है जिसके बाद भी यह इतिहास का सबसे बड़ा IPO होने जा रहा है। लिस्ट होने के बाद LIC का मार्केट कैपिटलाइजेशन RIL और TCS जैसी कंपनियों के बराबर हो जाएगा। इससे पहले सबसे बड़े IPO का रिकार्ड पेटीएम के पास है जिसने 2021 में 18,300 करोड़ रुपए जुटाए थे। अगर सरकार कुल 7.5% हिस्सेदारी कम करती है तो यह आईपीओ और अधिक बड़ा हो सकता है।
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