एस• के • मित्तल
सफीदों, सफीदों उपमंडल के अनेक किसानों ने मुख्यमंत्री को अनुरोध भेज कर प्रदेश में कृषि औजारों पर सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान की राशि को सीधे तौर पर किसानों के खाते में जमा करने का अनुरोध किया है। ऐसे किसानों में जामनी के राजेश, बहादुरगढ़ के रघुवीर सैनी, सफीदों के प्रकाश, रिटोली के बलिंद्र, मलार के राजेश व सिंघाना के अशोक का कहना है कि कृषि औजारों के उत्पादन में पड़ोसी प्रदेश पंजाब सबसे आगे हैं जहां से हरियाणा के बड़ी संख्या में किसान कृषि औजार खरीदते हैं।
सफीदों, सफीदों उपमंडल के अनेक किसानों ने मुख्यमंत्री को अनुरोध भेज कर प्रदेश में कृषि औजारों पर सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान की राशि को सीधे तौर पर किसानों के खाते में जमा करने का अनुरोध किया है। ऐसे किसानों में जामनी के राजेश, बहादुरगढ़ के रघुवीर सैनी, सफीदों के प्रकाश, रिटोली के बलिंद्र, मलार के राजेश व सिंघाना के अशोक का कहना है कि कृषि औजारों के उत्पादन में पड़ोसी प्रदेश पंजाब सबसे आगे हैं जहां से हरियाणा के बड़ी संख्या में किसान कृषि औजार खरीदते हैं।
इनका कहना है कि पंजाब में भी जानी-मानी कंपनियों के अलावा अनेक उत्पादक ऐसे हैं जो बेहतर गुणवत्ता के औजार बनाते हैं और अपेक्षाकृत कम कीमत में बेचते हैं लेकिन हरियाणा सरकार के पैनल पर ना होने के कारण किसान उनसे कृषि औजार खरीदें तो उनके बिल पर अनुदान के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
किसानों का कहना है कि सरकार का लक्ष्य तो किसान को लाभ पहुंचाना ही है फिर क्यों ना अनुदान की राशि किसान के खाते में सीधे तौर पर जमा करा दी जाए बेशक इससे पहले औजार की जांच कर यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि किसान ने वास्तव में वर्णित औजार खरीदा है और उसकी गुणवत्ता व उसका बिल सही है। किसान कहते हैं कि इससे सरकार को तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, किसान का पैसा बचेगा, उसे बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी व सही गुणवत्ता के औजार न्यूनतम कीमत पर खरीद कर किसान अपना काम चला पाएंगे।