मार्केट मंडी बोर्ड की प्रयोगात्मक कार्यप्रणाली केवल किसानों को परेशान करने वाली नहीं है, बल्कि सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाली भी है। अनाज मंडी में तीन साल पहले ड्रायर मशीन को चालू नहीं किया जा सका है। अब तक बिजली कनेक्शन भी नहीं दिया गया। लगभग 20 लाख रुपये की लागत से स्थापित मशीन जंग खा चुकी है और कबाड़ बनने की कगार पर है। हैरानीजनक है कि लाखों रुपये की मशीन पर शैड भी नहीं लगाया गया है और निकासी व्यवस्था भी नहीं है। मशीन के नीचे गहरे गड्ढे बन चुके हैं और आसपास गंदगी का माहौल है।
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मशनी में पास पड़ी गंदगी।
नहीं पढ़ाया गया किसानों को जागरूकता का पाठ
सरकार द्वारा मंडी में ड्रायर मशीन लगाई गई थी, ताकि गीली फसल की समस्या को हल किया जा सके और किसानों को इसका लाभ मिल सके, लेकिन मंडी मार्केट बोर्ड व प्रशासन लापरवाही के चलते मशीन जंग खा रही है।
इतना ही नहीं ड्रायर मशीन के प्रयोग व लाभ के लिए किसानों को जागरूक तक नहीं किया गया। यदि ड्रायर मशीन को शुरू करके किसानों को जागरूक किया जाता तो किसानों को परेशान नहीं होना पड़ता।
मार्केट मंडी बोर्ड के किसी अधिकारी ने नहीं दिखाई गंभीरता
किसानों की सुविधा व गीली फसल को सुखाने के लिए सरकार ने नई अनाज मंडी में ड्रायर मशीन लगाई गई थी, लेकिन मंडी मार्केट बोर्ड व जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते ड्रायर मशीन केवल सफेद हाथी बनकर रह गई है। पिछले तीन साल में मशीन को एक बार भी चलाकर नहीं देखा गया। हैरान कर देने वाली बात है कि अब तक मशीन का बिजली कनेक्शन भी नहीं किया गया। ऐसे में मंडी मार्केट बोर्ड व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है।
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मशीन के पास से उखड़ी सड़क का दृश्य।
मशीन के लिए नहीं शैड की व्यवस्था
करनाल की नई अनाज मंडी में लगभग 20 लाख रुपये की लागत से गीली फसल को सुखाने के लिए ड्रायर मशीन लगाई गई है, लेकिन लाखों रुपए की मशीन अनदेखी का शिकार हो रही है। मशीन जंग खा चुकी है और कबाड़ बनने की कगार पर है। इतना ही नहीं मंडी मार्केट बोर्ड की लापरवाही इतनी है कि मशीन पर अब तक शैड तक नहीं बनाया जा सका। मशीन के नीचे गहरे गड्ढे बन चुके हैं और आसपास गंदगी का माहौल है।
ड्रायर मशीन का यह काम
ड्रायर मशीन गीली फसल को सुखाकर उसकी नमी को कम करती है। इस मशीन के जरिए एक घंटे में कई टन फसल को सुखा सकता है। इसमें मक्की, धान, सूरजमुखी, दालें आदि को सुखाया जा सकता है। फसल ड्रायर होने के बाद मंडी में उचित दाम पर बिकती है।