करनाल के पोल्ट्री फार्म संचालक ले विभाग से अनुमति: एनजीटी का नया नियम, 5 हजार से ज्यादा पक्षी रखने के लिए लेनी होगी परमिशन, नहीं तो होगी कार्रवाई

हरियाणा के करनाल में अब बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति से चलने वाले पोल्ट्री फार्म संचालकों की खैर नहीं। एनजीटी द्वारा पोल्ट्री फार्मों को चलाने वाले संचालकों के लिए नए नियम बनाए है। अगर कोई भी पोल्ट्री फार्म संचालक नियमों के प्रति लापरवाही बरते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगा।

मेघालय के DGP बनना चाहते थे वेटनरी सर्जन: क्विज कंपीटिशन में भाग लिया तो पता चला DC-SP आईएएस की परीक्षा पास करके बनते हैं

एनजीटी के नए नियम के अनुसार अब पांच हजार से अधिक पक्षियों को पालने वाले लोगों अर्थात पोल्ट्री फार्म संचालकों को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। अगर पोल्ट्री फार्म संचालक ऐसा करने में लापरवाही बरतेंगे तो उनके खिलाफ एक्ट अनुसार पोल्ट्री फार्म बंद व एक्ट अनुसार भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

जिले में हजारों की संख्या में चल रहे पोल्ट्री फार्म

जानकारी के अनुसार जिले में हजारों पोल्ट्री फार्म है। इनमें ज्यादातर पोल्ट्री फार्म बिना अनुमति के चल रहे है। कई गांव में पोल्ट्री फार्मो की वजह से मक्खियों की भरमार है। जिससे स्थानीय लोगों का घर से बाहर निकाला मुश्किल हो गया है।

जानकारी देते एक्सईएन शैलेन्द्र अरोड़ा।

जानकारी देते एक्सईएन शैलेन्द्र अरोड़ा।

ये है एनजीटी के नए आदेश

हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है ताकि पर्यावरण को साफ सुथरा रखा जा सकें। इसे देखते हुए एनजीटी द्वारा नए आदेश जारी किए गए हैं। नए आदेशों के तहत एक स्थान पर 25 हजार से अधिक पक्षियों को संभालने वाले पोल्ट्री फार्मों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण से जल अधिनियम और वायु अधिनियम 1981 के तहत स्थापित करने के लिए सहमति और संचालन के लिए प्राप्त करना होगा।

मेघालय के DGP बनना चाहते थे वेटनरी सर्जन: क्विज कंपीटिशन में भाग लिया तो पता चला DC-SP आईएएस की परीक्षा पास करके बनते हैं

एकल स्थान पर 5 हजार से अधिक पक्षियों को संभालने वाले पोल्ट्री फार्म भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण समिति से जल अधिनियम और वायु अधिनियम के तहत स्थापित करने के लिए सहमति (सीटीई) और संचालन के लिए सहमति (सीटीओ) प्राप्त करेंगे।

नहीं ली परमिशन तो होगी कार्रवाई

एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा ने कहा कि सभी पोल्ट्री फार्म जिन्होंने अब तक एचएसपीसीबी से स्थापित करने,संचालित करने के लिए सहमति प्राप्त नहीं की है, उन्हें ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इसके लिए आवेदन करने की सलाह दी जाती है। गैर-अनुपालन के मामले में वे दंडात्मक कार्रवाई को बंद करने और पर्यावरणीय मुआवजे के लागू होने के लिए उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए सभी की सामूहिक जि मेदारी बनती है, इसलिए सभी मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करें।

 

खबरें और भी हैं…

.झज्जर में ज्वैलर को वसूली की धमकी: बदमाश फोन करके बोला-24 लाख दो; वरना तुझे और तेरे बेटे को मार देंगे

.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *