ओम प्रकाश चौटाला की सजा पर बहस पूरी, कल दोपहर 2 बजे आएगा फैसला; जानें आज कोर्ट में क्या हुआ

नई दिल्ली: आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिए जा चुके हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सजा पर आज यानी गुरुवार को राऊज एवन्यू कोर्ट में बहस पूरी हो गई. ओपी चौटाला के खिलाफ सजा पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. राऊज एवन्यू कोर्ट अब शुक्रवार को दोपहर दो बजे अपना फैसला सुनाएगा. बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ओपी चौटाला को दोषी करार दिया था और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

कोर्ट में सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को अधिकतम सजा देने की मांग की. वहीं, ओपी चौटाला के वकील ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा में नरमी बरतने की अपील की. इससे पहले कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला को दोषी करार दिया था और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट में दोनों पक्षों ने बहस के दौरान खूब दलीलें दीं, तो चलिए जानते हैं कोर्ट में में किस पक्ष ने क्या-कहा…

ओपी चौटाला ने वकील के माध्यम से क्या दलीलें दीं
-वकील के माध्यम से ओपी चौटााल ने कहा कि मैं जन्म से विकलांग हूं. मुझे जेल में अस्थमा हुआ है, मैं इस केस में कस्टडी में भी रह चुका हूं. मेरी उम्र 87 साल है और मैं 90 प्रतिशत विकलांग हूं. मैं बिना किसी की मदद के कहीं आ-जा नहीं सकता हूं.

-चौटाला ने कहा कि मुझे स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हैं. मेरा इलाज गुड़गांव के मेदांता में भी इलाज चल रहा है. मुझे हार्ट की भी बीमारी है, साथ ही मुझे पेसमेकर भी लगा हुआ है. चौटाला के वकील ने कोर्ट में उनके मेडकिल हिस्ट्री की जानकारी दी. चौटाला के वकील ने कहा उनके फफड़े में भी इंन्फेक्शन है, जिसका इलाज चल रहा है.

-चौटाला के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई आरोपी दिव्यांग है, तो कोर्ट मानवता के आधार पर कम सजा देने पर विचार कर सकता है. चौटाला के वकील ने कहा कि जितने समय तक चौटाला जेल में रहे हैं, उसको भी सज़ा देते समय कंसीडर किया जाए.

-चौटाला के वकील ने कहा कि चौटाला बिना किसी दूसरे की सहायता के वो चल नहीं सकते, अपने कपड़े नहीं पहन सकते. ऐसे में कोर्ट सज़ा पर फैसला देते वक़्त उनकी इस कदर खराब सेहत का भी ख्याल रखे.

-चौटाला के वकील ने आगे कहा कि ओपी चौटाला पर 1993-2006 के दरमियान आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का आरोप है. यह वक्त 20 साल से भी ज़्यादा का है. इस दरमियान उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग दिया है.

-वकील ने कहा कि जेल में चौटाला के अच्छे व्यवहार को भी देखिए. इस केस में अदालत में भी उन्होंने कभी सुनवाई टालने के आग्रह नहीं किया. हमेशा अदालती प्रकिया में सहयोग दिया है.

सीबीआई ने क्या दलीलें दीं
-सीबीआई के वकील ने चौटाला के दलीलों का विरोध किया. सीबीआई वकील ने कहा कि स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा कम करने की मांग नहीं कर सकते. भ्रष्टचार कम करने के लिए कानून के मुताबिक सजा होनी चाहिए.

-सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि इनकी एक पत्नी है और 2 बड़े बच्चे हैं. इनके ऊपर कोई निर्भर नहीं है.

-सीबीआई के वकील ने कहा भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके.

-सीबीआई ने कहा कि आप लीडर हैं, आपके हर आदेश को लोग मानते हैं. अगर लीडर ही इस प्रकार के भ्रष्टाचार करेंगे तो समाज में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट को इस मामले में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतनी चाहिए.

क्या है मामला

गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2005 में प्राथमिकी दर्ज की थी. एजेंसी ने 26 मार्च 2010 को आरोप-पत्र दाखिल किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चौटाला की 6.09 करोड़ की संपत्ति वर्ष 1993 से 2006 के बीच उनके आय के वैध स्रोतों की तुलना में बहुत अधिक है.

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