एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के आर्य समाज मंदिर प्रांगण में रविवार को मासिक हवन व सत्संग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वामी धर्मदेव महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर आर्य समाज सफीदों के प्रधान यादविंद्र बराड़ व मंत्री संजीव मुआना विशेष रूप से मौजूद थे। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने हवन में आहुति डालकर समाज की सुख-शांति की कामना की।
सफीदों, नगर के आर्य समाज मंदिर प्रांगण में रविवार को मासिक हवन व सत्संग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वामी धर्मदेव महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर आर्य समाज सफीदों के प्रधान यादविंद्र बराड़ व मंत्री संजीव मुआना विशेष रूप से मौजूद थे। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने हवन में आहुति डालकर समाज की सुख-शांति की कामना की।
अपने संबोधन में आर्य समाज के प्रधान यादविंद्र बराड़ ने कहा कि आर्य समाज का उद्देश्य सनातन वैदिक धर्म का प्रचार करना है। जिससे सच्चरित्र, उच्च सिद्धांत और आदर्श व्यक्तित्व वालों का ऐसा समाज बना सके जो मानव मात्र के कल्याण तथा राष्ट्र-निर्माण के लिए समर्पित हो। वहीं मंत्री संजीव मुआना ने कहा कि धार्यते इति धर्म अर्थात जो धारण किया जाये वह धर्म हैं। अथवा लोक परलोक के सुखों की सिद्धि के हेतु सार्वजानिक पवित्र गुणों और कर्मों का धारण व सेवन करना धर्म हैं। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं की मनुष्य जीवन को उच्च व पवित्र बनाने वाली ज्ञानानुकुल जो शुद्ध सार्वजानिक मर्यादा पद्यति हैं वह धर्म हैं।
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