एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के आर्य समाज मंदिर में रविवार को मासिक वैदिक सत्संग संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज के प्रधान यादविंद्र बराड़ व संचालन मंत्री संजीव मुआना ने किया। इस मौके पर आर्य समाज के धर्माचार्य वासुमित्र ने विशाल हवन करवाया। कार्यक्रम में प्रवचनकर्ता आचार्य नंदकिशोर पानीपत व भजनोपदेशक कुलदीप भास्कर घरौंडा शिरकत करके आर्य समाज की अलख जगाई।
अपने संबोधन में नंदकिशोर व कुलदीप भास्कर ने कहा कि आर्य समाज का उद्देश्य सनातन वैदिक धर्म का प्रचार करना है। जिससे सच्चरित्र, उच्च सिद्धांत और आदर्श व्यक्तित्व वालों का ऐसा समाज बना सके जो मानव मात्र के कल्याण तथा राष्ट्रनिर्माण के लिए समर्पित हो। धार्यते इति धर्म अर्थात जो धारण किया जाये वह धर्म हैं। अथवा लोक परलोक के सुखों की सिद्धि के हेतु सार्वजानिक पवित्र गुणों और कर्मों का धारण व सेवन करना धर्म हैं।
दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं की मनुष्य जीवन को उच्च व पवित्र बनाने वाली ज्ञानानुकुल जो शुद्ध सार्वजानिक मर्यादा पद्यति हैं वह धर्म हैं। कार्यक्रम के समापन पर ऋषि लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।